Satyapal Malik Death News Live: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
राज्यपाल चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक के 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य समस्याओं के बाद निधन हो गया। उन्होंने दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली। वे 79 वर्ष के थे और किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
जीवन परिचय एवं राजनीतिक यात्रा
- चौधरी सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को हिसावदा, बागपत (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने 1974 में छात्र राजनीति से शुरुआत की और 1966-67 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए।
- वे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े रहे, जिनमें जनसंघ, भारतीय क्रांन्तिक दल, लोकदल, जनता दल, और बाद में भाजपा शामिल थीं।
- कार्यालय में रहते हुए उन्होंने:
- 1980‑89 तक राज्यसभा (उत्तर प्रदेश) में,
- 1989‑91 में लोकसभा (अलीगढ़) में,
- तत्पश्चात केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
- राज्यपाल पदों पर उन्होंने चार राज्यों में कार्य किया: बिहार (2017–18), ओडिशा (अतिरिक्त प्रभार, 2018), जम्मू‑कश्मीर (2018–19), गोवा (2019–20) और मेघालय (2020–22)।
- विशेष रूप से उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू‑कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया और आर्टिकल 370 निरस्त हुआ।
व्यक्तित्व और योगदान
- सत्यपाल मलिक एक स्पष्टवादी, बेबाक वक्ता थे, जिन्होंने सत्ता के सामने भी सच्चाई बोलने का साहस दिखाया। वे किसान एवं आम लोगों की आवाज़ के प्रतीक बने।
- अति मुखर किसान आंदोलन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी आवाज़ ने राजनीति में गूंज भी जगाई थी।
शोक संदेश और श्रद्धांजलि
- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ऐसे नेता बताया जिनमें सत्ता के सामने सच बोलने का साहस था तथा कहा कि “भारतीय राजनीति ने एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है”।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
अंतिम संस्कार
- सत्यपाल मलिक का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान — सोम विहार, आर.के. पुरम, सेक्टर 12, नई दिल्ली — पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
- उनकी अंतिम यात्रा 6 अगस्त को दोपहर 3 बजे लोधी रोड स्थित स्वर्ग आश्रम के लिए रवाना हुई, जहाँ उनका अंतिम संस्कार संपन्न किया गया।
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Note:
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