RBI Governor: मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1990 बैच के आईएएस अधिकारी और वर्तमान में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर होंगे। वे वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेन वाले हैं। वही मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1990 बैच के आईएएस अधिकारी और वर्तमान में राजस्व विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत संजय मल्होत्रा को गवर्नर के रूप में नियुक्त करने को अब मंजूरी दे दी है। उनका यह कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। यह कार्यकाल 11 दिसंबर, 2024 से प्रभावी होगा। वह शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जिन्होंने आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के रूप में दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं।
आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास वित्त, कराधान, बिजली, सूचना प्रौद्योगिकी और खनन सहित प्रमुख क्षेत्रों में 33 वर्षों से बहुत अधिक का अनुभव है। अनुभवी नौकरशाह मल्होत्रा शीर्ष बैंक के 26वें गवर्नर होंगे, जो शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल मंगलवार को समाप्त होने वाला है। दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के रूप में नियुक्त किए गए शक्तिकांत दास ने हाल के दशकों में मानक पांच साल (Standard five years) के कार्यकाल को पार कर लिया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एक अधिसूचना में कहा है कि 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा 11 दिसंबर, 2024 को तीन साल की अवधि के लिए पदभार ग्रहण करेंगे।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के रूप चुन लिया है
वही,मल्होत्रा की नियुक्ति ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हुई है, जब आरबीआई मुद्रास्फीति नियंत्रण (RBI inflation control) और आर्थिक विकास में मंदी जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। वही मल्होत्रा वर्तमान में वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग में भी सचिव का पद संभाला था।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग स्नातक, मल्होत्रा ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है। और उनका करियर राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में रहा है, जहां उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नीतियों को एक बेहतर आकार दिया है।
वह,दिसंबर 2022 से राजस्व सचिव के रूप में, संजय मल्होत्रा ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों के लिए कर नीतियों को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व ने कर संग्रह को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो भारत के राजकोषीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक भी है। वही संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद के पदेन सचिव के रूप में भी काम किया है, यह परिषद् भारत में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय भी है।
शक्तिकांत दास का आखिरी कार्य दिवस 10 दिसंबर 2024
25वें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की बात करें तो उनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 यानी कल को समाप्त हो रहा है। दास रिजर्व बैंक में नियुक्ति से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में एक प्रमुख अधिकारी भी थे। और उन्होंने सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच तनावपूर्ण संबंधों के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई थी।
आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) बनने से पहले, शक्तिकांत दास 15वें वित्त आयोग के सदस्य और भारत के G20 शेरपा के रूप में भी कार्यरत थे। शासन में चार दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने वित्त, कराधान, उद्योग और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हुए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं है।
वही वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, दास आठ केंद्रीय बजट को तैयार करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे, जिससे राजकोषीय नीति में उनकी गहरी विशेषज्ञता का पता चलता है।
वे दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातकोत्तर हैं। मिंट स्ट्रीट कार्यालय में कार्यभार संभालने के बाद, सक्तिकांत दास ने बाज़ारों में तेज़ी से विश्वास बहाल किया, जो अधिशेष हस्तांतरण के मुद्दों पर आरबीआई (RBI) और सरकार के बीच विवाद के बीच उनके पूर्ववर्ती उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे से हिल गया था। उनके स्थिर नेतृत्व ने तनाव को कम करने और केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच अधिक सहयोग के लिए एक मंच तैयार करने में बेहद मदद की थी।