Ratan Tata: उद्योगपति रतन टाटा के निधन से भारत में शोक की लहर है। 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह को आगे बढ़ाया, बल्कि भारतीय उद्योग और समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विनम्रता और ईमानदारी को हमेशा याद किया जाएगा।
उद्योगपति रतन टाटा
टाटा परिवार का परिचय
टाटा परिवार भारत के सबसे प्रसिद्ध व्यापारिक परिवारों में से एक है। इस परिवार ने टाटा समूह की स्थापना की, जो अब एक मल्टीनेशनल कंपनी है।
परिवार के प्रमुख सदस्य:
1. नुसरवानजी टाटा (1822-1886): परिवार के संस्थापक, जिन्होंने व्यवसाय की नींव रखी।
2. जमशेदजी टाटा (1839-1904): नुसरवानजी के बेटे और टाटा समूह के संस्थापक। इन्हें “भारतीय उद्योग के जनक” कहा जाता है। इन्होंने टाटा स्टील और ताज होटल जैसी परियोजनाएं शुरू कीं।
3. दोराबजी टाटा (1859-1932): जमशेदजी के बड़े बेटे, जिन्होंने समूह को आगे बढ़ाया।
4. रतनजी टाटा (1871-1918): जमशेदजी के छोटे बेटे, जिन्होंने कपड़ा उद्योग में योगदान दिया।
5. जेआरडी टाटा (1904-1993): रतनजी के बेटे, जिन्होंने टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
6. नवल टाटा (1904-1989): रतनजी के दत्तक पुत्र, जिनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।
7. रतन नवल टाटा (1937-2024): नवल टाटा के बेटे, जिन्होंने समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
8. नोएल टाटा (1957 में जन्मे): रतन टाटा के सौतेले भाई, जिन्होंने कई कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ट्रस्ट्स में योगदान
टाटा परिवार केवल व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि परोपकार में भी अग्रणी है। टाटा ट्रस्ट्स, जो भारत की सबसे बड़ी परोपकारी संस्थाओं में से एक है, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। रतन टाटा के निधन के साथ इस परिवार की एक महत्वपूर्ण यात्रा समाप्त हुई, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।