Adhir Ranjan Chowdhury On Prime Minister Modi: कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार (25 अक्टूबर) को भाजपा (BJP) पर चुनावी फायदे के लिए पांच राज्यों के चुनाव और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर का मुद्दा उठाने का गम्भीर आरोप लगाया है.

उन्होंने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातीय जनगणना के लिए विपक्षी दलों के दबाव से डरे हुए हैं, क्योंकि इससे अगले साल के आम चुनाव से पहले धर्म के आधार पर विभाजन की भाजपा यानी बीजेपी की योजना को झटका लग सकता है.

अधीर रंजन चौधरी ने और क्या कहा

पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से लोकसभा सांसद चौधरी ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में पत्रकारों से कहा है कि, “राम मंदिर का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. भारतीय हजारों वर्षों से श्री राम की पूजा करते आ रहे हैं. अचानक, पीएम मोदी राम भक्त बन गए हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं.”

अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि, “विपक्षी दलों की जाति जनगणना की मांग से बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) को बहुत ही नुकसान हुआ है, क्योंकि इससे पार्टी की चुनावी योजनाओं में कुछ बाधाएं आ सकती हैं. इसीलिए डरे हुए है पीएम मोदी यह कहकर देश में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि जातीय जनगणना भारत के लिए खतरनाक होगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा है?

अधीर रंजन चौधरी ने नई दिल्ली द्वारका में दशहरा कार्यक्रम में पीएम मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी में किया जाएगा.

समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से समाज में जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को जड़ से खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा है कि दशहरा उत्सव को देश में हो रहे हर बुराई पर देशभक्ति की जीत का प्रतीक बनाना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी का किया जिक्र

स्कूली पाठ्यपुस्तकों में “इंडिया” की जगह अब “भारत” करने की एनसीईआरटी की गठित समिति की सिफारिश के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा है कि यह और कुछ नहीं बल्कि आम लोगों की समस्याओं से ध्यान भटकाने की भाजपा (BJP) की कोशिश है.

अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि, “यह और कुछ नहीं बल्कि लोगों की समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है” उन्होंने दावा भी किया है कि कांग्रेस ने देश में जाति जनगणना पर जोर देने के तुरंत बाद ही बीजेपी (BJP) ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा है कि “इंडिया और भारत” के बीच शायद ही कोई अंतर है और सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टैंड अप इंडिया’ जैसी पहलों के नामों का अब क्या होगा.

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