Bihar CM Nitish Kumar Absence from Niti Aayog Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार (27 जुलाई 2024) को नीति आयोग की दिल्ली में हुई बैठक में शामिल नहीं हुए. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया. नीतीश कुमार के इस महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहने का कोई कारण अभी पता नहीं चल सका है. वही यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं.
बिहार सीएम नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में नहीं हुए सामिल
सीएम नीतीश कुमार पहले भी इस तरह की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन उपमुख्यमंत्री ने किया था. वही जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया है कि इस बार भी दोनों ही उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल होने गए थे. इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री भी आयोग के सदस्य हैं और वे बैठक में पहले ही मौजूद रहेंगे.
विकसित भारत पर हुई चर्चा
वही उन्होंने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए इस पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. आप को बता दें कि आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से की गई थी. बैठक में डॉक्युमेंट ‘विकसित भारत@2047’ पर सभी ने चर्चा की है. वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं.
बीच में ही बैठक छोड़कर निकलीं पश्चिमी बंगाल सीएम ममता बनर्जी
नीतीश कुमार की अनुपस्थिति से अलग इस बैठक में बंगाल सीएम ममता बनर्जी की उपस्थिति ने भी सबको चौंकाया है. हालांकि, चर्चा है कि ममता बनर्जी बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं है. इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने इस दौरान कहा है कि ये कैसे चल सकता है? ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने बैठक में अपना विरोध जताया है. उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. ये कैसे चल सकता है? केंद्र सरकार मनमानी कर रही है. मैंने कहा है कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने दिया गया है. मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की है. विपक्ष से मैं अकेली थी जो इस बैठक में भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया है. यह अपमानजनक है. यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है.
