जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्मम आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. वही बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े फैसले लेने के बाद अब आज गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने पहुंचे थे. यह उच्चस्तरीय बैठक सुरक्षा स्थिति की गंभीरता और आगामी रणनीतियों पर चर्चा के लिहाज से यह अहम मानी जा रही है.

पहलगाम
सर्वदलीय बैठक शुरू होने से पहले 2 मिनट का मौन रखते हुए

सर्वदलीय बैठक अब शुरू हो चुकी है. इसमें केंद्र सरकार के कई मंत्री विपक्ष के नेताओं को ब्रीफ करेंगे. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई नेता बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.

इस बैठक में शामिल होने के लिए राहुल गांधी पहुंचे

सर्वदलीय बैठक से पहले आज अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर मीटिंग कर रहे हैं. ये तीनों केंद्र की तरफ से बैठक का प्रतिनिधित्व  करेंगे और विपक्षी नेताओं को सरकार की रणनीति की ब्रीफिंग भी करेंगे.

शाम 6 बजे से सर्वदलीय बैठक शुरू हुई. इसमें विपक्ष के नेता शामिल हुए. केंद्र की तरफ से राजनाथ सिंह, अमित शाह,  एस जयशंकर, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के राम गोपाल यादव, आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता, आप के संजय सिंह, टीडीपी के कृष्ण देव रायुलु शामिल हुए.

विदेश मंत्रालय (MEA) में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई देशों के राजदूतों को भी तलब किया गया था. इसके मद्देनजर जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस समेत तमाम देशों के राजदूत साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय पहुंचे थे. इन राजनयिकों को पहलगाम आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी जा रही है और भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया गया है.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सभी देशों के राजदूतों को करीब 30 मिनट तक ब्रीफिंग दी गई है. चीनी राजदूत जू फेइहोंग को विदेश मंत्रालय मुख्यालय बुलाया गया था. जानकारी के मुताबिक MEA के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें हमले के पीछे संभावित आतंकी संगठनों, पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई है.

पहलगाम के बैसरन जाएंगे सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को खुद स्थिति की समीक्षा करेंगे और बैसरन में हमले की जगह का दौरा करेंगे. वे वहां सैन्य कमांडरों और स्थानीय अधिकारियों के साथ सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे. सेना का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है.

वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. शुरुआती जांच में सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और उनके स्थानीय नेटवर्क की आशंका जताई गई है. एनआईए, आईबी और सैन्य खुफिया एजेंसियां हमले से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही हैं. घटनास्थल से बरामद हथियारों और साजो-सामान की जांच के ज़रिए आतंकियों के स्रोत और समर्थन तंत्र का पता लगाया जा रहा है.

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