ट्रेनों में कन्फर्म सीट नहीं मिलने को लेकर यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है। ऐसे में भारतीय रेलवे ऐसा प्लान तैयार किया है जिससे आने वाले दो सालों में ट्रेनों में वेटिंग टिकट का झंझट ही खत्म हो जाएगा। लंबी छुट्टियां हो या फिर कोई तीज त्योहार ऐसे में यात्रियों को रिजर्वेशन और सीट मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा नॉन एसी कोच में चलने वाले यात्रियों को होगा। क्योंकि आज भी भारत के 50 से 60% आवादी स्लीपर और जनरल डिब्बे में ही सफर करते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह प्लान बनाया है।
दरअसल, भारत में रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। लेकिन त्योहारों और छुट्टियों के दिनों यह भीड़ दोगुनी हो जाती है। ऐसे में ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बनी रहती है। इसलिए रेलवे ने 2026 तक 10 हजार नॉन एसी कोच यानी स्लीपर कोच बनाने का फैसला किया है। साथ ही 5000 जनरल डिब्बे भी ट्रेनों में लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों को सहूलियत होगी और वेटिंग टिकट की परेशानी भी खत्म हो सकेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नए कोच बनाने का पीछे का मकसद केवल एक ही है कि आम लोगों को ट्रेनों में कन्फर्म सीट मिले और उनकी यात्रा आरामदायक हो सके। आने वाले दो साल में एसी और नॉन एसी कोचों की कुल संख्या में 22 फीसदी की वृद्धि की जाएंगी।
भारतीय रेलवे को चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 4,485 नॉन एसी कोच तैयार करने का प्लान बनाया है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भी 5,444 नॉन एसी कोच बनाए जाएंगे। और कोचों को जोड़ने के बाद ट्रेनों में 72,000 सीटों की संख्या बढ़ जाएगी, जिससे वेटिंग टिकट की समस्या भी खत्म हो सकती है। और इसके अलावा रेलवे ने 5,300 जनरल कोच लगाने की भी तैयारी कर ली है। इसका फायदा बिना रिजर्वेशन के चलने वालों को यात्रियों को होगा।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ट्रेनों में कन्फर्म सीट मिलेगा
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इसी साल रेलवे ने 2,605 जनरल कोच बनाने की तैयारी की है। इनमें यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव भी किए गए हैं। इसके अलावा 1,470 नॉन एसी स्लीपर कोच, 323 सिटिंग कम लगेज रैक कोच, 32 हाई कैपेसिटी वाली पार्सल वैन, 55 पैंट्री कार भी तैयार करेगा।
इसके अलावा भारतीय रेलवे ने 2025-26 में 2,710 नए जनरल कोच लगाने की भी तैयारी कर ली है। और एडवांस फीचर के साथ जनरल कोच लॉन्च किए जा रहे हैं। इसमें 1,910 नॉन एसी स्लीपर कोच और 514 सिटिंग कम लगेज रैक कोच भी लांच किए जा रहे हैं। इन कोच को उतारने के पीछे रेलवे का उद्देश्य वेटिंग टिकट की समस्या को खत्म करना है। इसलिए रेलवे हजारों नए कोच बनाने जा रहा है।