एवीएन न्यूज डेस्क नई दिल्ली: अभिनेता प्रकाश राज अपनी फिल्मों से ज्यादा अपने बयान को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। अभिनेता इंडस्ट्री और राजनीति से जुड़े हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। फैंस को भी उनका यह अंदाज काफी पसंद है। हालांकि, इन दिनों एक बार फिर अभिनेता चर्चा का हिस्सा बने हुए हैं, लेकिन इस बार मामला उनकी फिल्म का नहीं बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग का है। अभिनेता को हाल ही में, ईडी का समन जारी हुआ है। तो चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है। साउथ और बॉलीवुड के बहुचर्चित अभिनेता प्रकाश राज को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक जौहरी से जुड़ी कथित 100 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम में पूछताछ के लिए बुलाया है। श्री राज प्रणव ज्वैलर्स के ब्रांड एंबेसडर थे, जिस पर घोटाला चलाने का आरोप लगाया था। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित तौर पर पोंजी स्कीम चलाने और निवेशकों से 100 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में त्रिची स्थित आभूषण श्रृंखला की शाखाओं पर छापा मारा था, जिसकी चेन्नई सहित तमिलनाडु और पुडुचेरी में कई जगहों पर काफी शाखाएं यानी ब्रांच हैं।
प्रकाश राज, जो कि काफी समय तक ज्वैलर के ब्रांड एंबेसडर रहे थे, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है।
प्रणव ज्वैलर्स द्वारा चलाए जा रहे स्टोर अक्टूबर में बंद हो गए थे और शिकायतों के आधार पर, तमिलनाडु के त्रिची में आर्थिक अपराध शाखा ने मालिक मदन के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। इस महीने की शुरुआत में मालिक और उसकी पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने कल एक बयान में कहा
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कल एक बयान में कहा है कि उच्च रिटर्न का वादा करने वाली स्वर्ण निवेश योजना की आड़ में प्रणव ज्वैलर्स द्वारा 100 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कहा है कि न केवल रिटर्न नहीं मिला, बल्कि निवेश की गई राशि भी निवेशकों को वापस नहीं दी गई है।
ईडी ने कहा है कि, ‘प्रणव ज्वैलर्स ऐसे निवेशकों को राशि लौटाने में विफल रहे और फर्म (प्रणव ज्वैलर्स) और अन्य जुड़े व्यक्तियों ने सराफा/सोने के आभूषणों की खरीद की आड़ में सार्वजनिक धन को फर्जी संस्थाओं/प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित करके जनता को सिर्फ धोखा दिया है।’ बयान में कहा है कि।
प्रणव ज्वैलर्स की पुस्तकों में आपूर्तिकर्ता पार्टियां प्रवेश प्रदाता थीं, जिन्होंने जांच के दौरान, प्रणव ज्वैलर्स को 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए समायोजन और फर्जी आवास प्रविष्टियां प्रदान करने की बात “कबूल” की और आरोपी व्यक्तियों को नकद देने की बात भी “कबूल” की है। बैंक भुगतान के बदले में, ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है।