Earthquake in Delhi: आज सुबह के 5.36 बजे रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर की ज्यादातर आबादी सो रही थी. और जल्दी दफ्तर जाने वाले लोग वॉशरूम ओर पार्कों में मॉर्निंग वॉक में थे. तभी अचानक से तेज गड़गड़ की आवाज सुनाई देने लगी. वही आज सुबह गड़गड़ाहट के साथ खिड़कियों के शीशे और फर्नीचर भी हिलने लगे. किचन में मौजूद लोगों ने देखा किचन में लगे RO में जबर्दस्त कंपन थी. जो लोग सोये हुए लोग झटके में जग गए. घरों में बंद पंखे हिलने लगे. ऐसा लगा जैसे घर का सारा सामान ठंड में कांप रहा हो.

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इस बीच गली ओर घरों में कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे. लोग हैरान ओर परेशान. वे डर गए थे. वे जहां के तहां ही रुक गए. समझ में बिलकुल नहीं आया क्या हुआ? जब तक समझ में आया बस कुछ ही क्षणों के अंदर ही सबकुछ शांत हो चुका था. दरअसल ये एक बेहद तेज झटके वाला भूकंप था जिसका मुख्य केंद्र दिल्ली था.

आज सुबह के 5.36 बज दिल्ली की गलियां सुबह गड़गड़ाहट

बस कुछ ही सेंकेड में दिल्ली की गलियां आज सुबह-सबेरे लोगों से पूरी तरह से भर गई. जो सोये थे उन्हें झकझोर कर जगाया गया था. बच्चे-बड़े-बूढ़े सभी नींद से उठे थे. और धड़ाधड़ भाग कर घर की गली में आ गए.

दिल्ली-एनसीआर में ऊंची-ऊंची इमारतों पर रहने वाले लोग खटाखट सीढ़ियां फांदकर नीचे उतरने लगे थे.

खैरियत ये रही कि भूकंप बस कुछ ही सेकेंड का था. और सब कुछ एक दम ठीक ठाक हो गया था.

वही तुरंत लोगों ने अपना मोबाइल उठाया. खबरों की सुर्खियां भी देखी. तब जा कर असली माजरा समझ में आया.

सबने अपने अपने रिश्तेदारों को फोन लगाकर कुशलक्षेम पूछने लगे. सब कुछ ठीकठाक था. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया का स्टेट्स अपडेट कर दिया और दुनिया को जानकारी दी सब ठीक-ठाक है.

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भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre For Seismology) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी.रिक्टर स्केल पर भूंकप की तीव्रता तो औसत थी फिर भी लोगों को इतनी तेज झटके क्यों महसूस हुए हैं. इसका जवाब भी तुरंत सामने आया. दरअसल इस भूकंप का केंद्र दिल्ली का धौलाकुआं था. और भूकंप धरती से मात्र 5 किलोमीटर की गहराई में था. इसलिए लोगों को जोरदार कंपन महसूस हुआ था. अमूमन ऐसे भूकंप धरती से 7-8 और 10 किलोमीटर अंदर से पैदा होता था. लेकिन दिल्ली के केस में ये जलजला मात्र 5 किलोमीटर अंदर ही था. इसलिए  लोगों को कंपन तेज सुनाई दिया था. और यही वजह है कि लोगों को भूकंप की गड़गड़ाहट भी सुनाई दी थी. ऐसा बहुत ही कम होता है. वही पीटीआई के मुताबिक भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं में दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन के पास था. एक अधिकारी ने बताया है कि जिस इलाके में भूकंप का केंद्र था वहां आस पास एक झील भी है, जहां हर दो से तीन साल में भूकंप की घटनाएं होती ही रही हैं. अधिकारी के अनुसार 2015 में भी इस इलाके में 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था.

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गाजियाबाद के एक शख्स ने कहा है कि ऐसा आवाज हुआ जैसे ट्रेन चल रही हो. गड़गड़ की आवाज होने लगी थी. लोग घर से बाहर आ गए थे. ऐसा कभी नहीं हुआ था.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने पहुंचे एक शख्स ने कहा है कि, ‘टाइमिंग तो बहुत कम थी, लेकिन स्पीड बहुत तेज़ थी. ऐसा लगा जैसे नीचे से कोई ट्रेन निकलकर जा रही है, हम सोचे कि कोई ट्रेन आ रही है, धड़धड़. ऐसा महसूस हुआ.’ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वेंडर अनीष ने कहा कि एकदम से झटका लगा. जमीन हिल गई, काउंटर हिलने लगा. कस्टमर खड़े थे वो भी चिल्लाने लगे. बहुत तेज था. मुझे लगा गाड़ी-वाड़ी टकरा गई.

भूकंप के तेज झटकों के कारण दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम में कई ऊंची इमारतों के निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए. पश्चिमी दिल्ली के निवासी नरेश कुमार ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्होंने इतने शक्तिशाली भूकंप का अनुभव किया. प्रयागराज जाने वाली ट्रेन के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहे रतनलाल शर्मा ने कहा कि वह प्लेटफॉर्म पर थे, तभी उन्हें अचानक झटका महसूस हुआ। उन्होंने कहा, “ऐसा लगा जैसे ट्रेन अचानक रुक गई हो.”

गाजियाबाद में एक ऊंची इमारत के निवासी ने कहा कि भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि हर कोई घबराकर नीचे की ओर भागा. नोएडा सेक्टर 20 के ई ब्लॉक में सुबह की सैर पर निकली 50 साल की एक महिला ने कहा, “हम लोग बाहर पार्क में चल रहे थे तो पता नहीं चला। लेकिन काफी तेज था। लोग बाहर आ गए.”

बता दें कि दिल्ली भूकंपीय रूप से सक्रिय हिमालय टकराव क्षेत्र से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है और दूर-दराज और निकट-क्षेत्र के भूकंपों से अक्सर हिलती रहती है.

भारत के भूकंप ज़ोन मानचित्र में राष्ट्रीय राजधानी को भूकंप क्षेत्र IV में रखा गया है, जो देश में दूसरा सबसे ऊंचा है.

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