Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary : अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व सादगी और गहरी सोच से भरा हुआ था। वे मस्तमौला तो थे, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शालीनता को भी हमेशा बनाए रखते थे। उनका जीवन कई दिलचस्प घटनाओं और किस्सों से भरा था, जिनसे उनकी अनोखी शख्सियत का पता चलता है:
अटल बिहारी वाजपेयी फैक्ट्स
1. टीवी बंद होने पर गुस्सा हो गए थे
अटलजी की तबियत जब खराब हुई और वे लकवाग्रस्त हो गए थे, तब वे अक्सर टीवी देखा करते थे। एक बार जब किसी ने टीवी बंद कर दिया, तो अटलजी बच्चों की तरह गुस्से में आ गए। जब टीवी फिर से चालू हुआ, तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। वे पुराने फिल्में देखना पसंद करते थे, जब वे टीवी पर आती थीं तो उन्हें चुपचाप देखना अच्छा लगता था।
2. पैदल संसद जाते थे
1957 में जब अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सांसद बने थे, तब वे चांदनी चौक से संसद तक पैदल जाया करते थे। इस सरलता और सादगी को देखकर उनके साथी हैरान रह जाते थे। बाद में जब उन्हें सांसद की तनख्वाह मिली, तो वे रिक्शे से चलने लगे।
3. चुनाव हारकर फिल्म देखने गए थे
एक बार दिल्ली के नयाबांस उपचुनाव में हारने के बाद, अटलजी और आडवाणी जी ने सिनेमा देखने का निर्णय लिया। दोनों अजमेरी गेट के पास थिएटर गए और राज कपूर की फिल्म “फिर सुबह होगी” देखी। अटलजी ने आडवाणी से कहा, “आज हम हारे हैं, लेकिन देखिएगा सुबह जरूर होगी।”
4. बिना पूछे पीएम पद के उम्मीदवार घोषित किया
1995 में मुंबई में एक सभा के दौरान आडवाणी ने बिना अटलजी से पूछे यह घोषणा कर दी कि अगले चुनाव में वे ही प्रधानमंत्री होंगे। अटलजी ने इस पर चिढ़ते हुए कहा, “यह आपने क्या कर दिया, मुझसे पूछा भी नहीं?” आडवाणी ने जवाब दिया, “मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं, तो यह अधिकार मुझे है।”
5. नरसिम्हा राव ने दी पर्ची
1996 में, जब अटलजी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो नरसिम्हा राव ने चुपके से उनके हाथ में एक पर्ची दी। उस पर्ची में वे बातें थीं, जिन्हें राव प्रधानमंत्री बनने के बाद करना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें वो करने का मौका नहीं मिला था।
6. कारगिल के बाद भारत रत्न देने की बात
कारगिल युद्ध के बाद, कुछ मंत्रियों ने अटलजी से कहा कि वे उन्हें भारत रत्न देना चाहते हैं। अटलजी ने मना करते हुए कहा, “मैं खुद को भारत रत्न कैसे दे दूं?” उनका मानना था कि अगर भविष्य में कोई दूसरी सरकार उन्हें यह सम्मान देना चाहती है, तो वो दे सकती है, लेकिन वे खुद को यह सम्मान कैसे दे सकते है।