Arvind Kejriwal Bail Judgement

 

   Arvind Kejriwal Bail Judgement

AVN News , Arvind Kejriwal Bail Judgement: लोकसभा चुनावी घमासान के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की जांच का सामना कर रहे सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। जमानत से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल बहुत खुश हैं। और उन्होंने कहा है कि यह लोकतंत्र की जीत है।

वही न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा था कि वह अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत पर शुक्रवार को आदेश पारित कर सकते हैं। अरविंद केजरीवाल को (अब समाप्त हो चुकी) दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक है। वहीं, ईडी के हलफनामे पर अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी।

लोकसभा चुनाव प्रचार कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने हलफनामे में कहा था, ‘इस बात को ध्यान में रखना प्रासंगिक है कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, ना ही संवैधानिक, और यहां तक कि यह कानूनी अधिकार भी नहीं है। उपरोक्त तथ्यात्मक और कानूनी दलीलों के मद्देनजर अंतरिम जमानत के आग्रह को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के स्थापित सिद्धांतों के विपरीत होगा जो कि संविधान की मूल विशेषता है। केवल राजनीतिक चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ होगा और भेदभावपूर्ण होगा क्योंकि प्रत्येक नागरिक का कार्य/व्यवसाय/पेशा या गतिविधि उसके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।’

पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश है

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उदारवादी दृष्टिकोण उचित है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह समाज के लिए खतरा नहीं है। उन पर गंभीर आरोप जरूर हैं पर वे अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वह किसी भी गवाह से बात नहीं करेंगे। आधिकारिक फाइलों तक उनकी पहुंच नहीं होगी। अरविंद केजरीवाल को एक जमानत राशि के साथ 50,000 रुपये का जमानत बांड भरना होगा।

जेल में बंद सभी राजनेता भी कर सकते हैं राहत की मांग

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि ऐसा समझना संभव नहीं होगा कि एक छोटे किसान या व्यापारी का काम किसी उस राजनीतिक नेता के प्रचार से कम महत्वपूर्ण है जो स्वीकार करता है कि वह चुनाव नहीं लड़ रहा है। इसने कहा है कि यदि अरविंद केजरीवाल को उनकी पार्टी के लिए लोकसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए एक राजनीतिज्ञ होने के कारण कोई अंतरिम राहत दी जाती है, तो इसमें कोई भी दो राय नहीं है कि जेल में बंद सभी राजनीतिज्ञ यह दावा करते हुए समान राहत की मांग करेंगे कि वे भी इस श्रेणी में आते हैं

सर्वोच्च अदालत ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वे उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।

आप नेता जैसमिन शाह ने कहा है कि यह सब राजनीतिक षड़यंत्र था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला एतिहासिक है।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश चमत्कार है। अरविंद केजरीवाल पर भगवान बजरंगबली का आशीर्वाद है। यह देश में बड़े बदलाव का संकेत है।

आप नेता आतिशी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य और लोकतंत्र की जीत है। लोकसभा चुनाव के बाद देश में तानाशाही खत्म हो जाएगी। वहीं, आप नेता गोपाल राय ने कहा है कि एससी (सुप्रीम कोर्ट ) का फैसला देश से प्यार करने वालों के लिए उम्मीद की किरण है। आप कार्यालय में जश्न का माहौल है।

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