पीएम नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर के देशों की यात्रा करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों से आज यानी मंगलवार को मिलेंगे। वही सूत्रों ने इस बैठक के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि यह मुलाकात पीएम के आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर शाम 7 बजे होगी।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पीएम के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा करेंगे
वही,सूत्रों के मुताबिक,विदेश में गए भारत सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आज पीएम के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा करेंगे। पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे, जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया है। वही आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी भी पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होंगे।
वही,सूत्रों ने यह बताया है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के कार्यालय ने भी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बैठक के बारे में जानकारी दे दी है। वही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के कुल 7 समूहों ने विभिन्न देशों की राजधानियों का दौरा किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को सबके सामने रखा है। प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी (NCP)-एससीपी (SP) की सुप्रिया सुले, कांग्रेस (INC) के शशि थरूर, एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे 50 से अधिक विपक्षी सांसद, नेता और पूर्व राजदूत शामिल हुए थे। इन लोगों ने 30 से अधिक देशों का दौरा किया है।

प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके विदेश मंत्री एस जयशंकर
वही,विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही सभी प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख से अवगत कराने में उनके प्रयासों की प्रशंसा भी की है। चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया, जिनमें बीजेपी के दो, जद (यू) के एक और शिवसेना के एक सांसद शामिल हुए थे। वहीं तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया था, जिनमें कांग्रेस, द्रमुक और एनसीपी (एसपी) के एक-एक सांसद शामिल हुए थे।
प्रतिनिधिमंडलों ने विदेशों में दिया राष्ट्रीय एकता का दिया संदेश
वही सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग विदेशों में भारतीय हितों की वकालत करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों में शामिल हुए थे। प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख पूर्व सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और सलमान खुर्शीद भी शामिल थे।