देश की राजधानी दिल्ली में वक्फ कानून के खिलाफ आज मुस्लिम संगठनों ने एक बड़ा प्रोटेस्ट करने का ऐलान किया है. ‘सेव वक्फ कॉन्फ्रेंस’ में देश भर के मुस्लिम संगठनों के सभी प्रतिनिधि शामिल होंगे. वही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ कानून के खिलाफ सबसे बड़ी कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है. इस कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल होंगे.
वहीं, सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में इस कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है.
बता दें कि केंद्र ने संशोधित कानून के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट (SC) को आश्वासन दिया है कि 5 मई तक न तो वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित किया जाएगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में नियुक्तियां की जाएंगी.
वक्फ कानून को लेकर दिल्ली में जमात-ए-इस्लामी ने पारित किए अहम प्रस्ताव
जमात-ए-इस्लामी हिंद द्वारा सोमवार (21 अप्रैल) को जारी एक बयान के मुताबिक, मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधियों की परिषद ने अपने अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी के नेतृत्व में संगठन के मुख्यालय में 12-15 अप्रैल तक आयोजित अपने सभी सेशन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करते हुए यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए हैं.
वही,जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान भी किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में अभियान का समर्थन करने का आग्रह भी किया है. इसने लोकतांत्रिक संस्थाओं, नागरिक समाज और बुद्धिजीवियों से संशोधित वक्फ कानून के निहितार्थों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की अपील की. वही परिषद ने सांसदों और संगठनों की तारीफ भी की, जिन्होंने इस पर अपना रुख अपनाया है.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया है और इसे खारिज किया है. वही संगठन ने दावा किया है कि यह धार्मिक समुदायों के व्यक्तिगत कानूनों का पालन करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. परिषद ने उत्तराखंड में यूसीसी (UCC) कानून को निरस्त करने और गुजरात में इसी तरह के कदमों को रोकने की मांग की है.