अक्सर गले में दर्द, सर्दी – खांसी, बुखार तो हो सकता है थायराइडाइटिस – जानिए कैसे ?
Often pain in throat cold, cough, fever can be thyroiditis know how
AIIMS New Delhi : गले में दर्द, सर्दी-खांसी से लेकर बुखार तक की समस्या यदि आपको लगातार होती रहती है तो यह थायराइड ग्रंथि के तीसरे प्रकार की समस्या थायराइडाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। कुछ वायरल इंफेक्शन या आटो इम्यून समस्याओं के कारण इसमें थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर पाती और ऐसी प्रकार समस्याएं सामने आती हैं। हालांकि, हाइपरथायराइडिज्म से अलग कर इसकी जांच व ईलाज हर जगह संभव नहीं है। न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में ही इसका ईलाज किया जा सकता है।
“हर वर्ष जनवरी के महीने में मनाए जाने वाले थायराइड अवेयरनेस Thyroid awareness month“
दिल्ली के एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि खून में थायराइड एंटीबाडी और थायराइड स्कैन से थायराइडाइटिस की सटीक जांच हो सकती है। इसमें रेडियो आयोडिन या टेक्नीशियम परटेक्नेटेट स्कैन द्वारा हाइपरथायराइडिज्म से अलग कर थायराइडाइटिस की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि आयोडीन का उपयोग कर टी-3 व टी-4 बनाकर शरीर के मेटाबालिज्म को नियंत्रित करती है। जब थायराइड ग्रंथि कम या अधिक हार्मोंस बनाने लगती है, तो कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं, इसे दो वर्ग में बांटा गया है।
हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण :-
थायराइड हार्मोन की कमी से वजन का बढ़ना, जल्द थकान, पीरियड में अनियमितता व बदलाव, यौन उत्तेजना कम होना, ज्यादा ठंड लगना व गले में सूजन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
गोभी, शलजम, ब्रोकली जैसे ग्वाइटरोजेन के अधिक सेवन करें, और अपने जीवनशैली में परिवर्तन लाए,
पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्या या वंशानुगत कारणों से भी यह बीमारी हो सकता है। थायराइड फंक्शन टेस्ट में टी-3, टी-4 कम व टीएसएच का स्तर ज्यादा होने पर इसकी पुष्टि होती है और लिवो थायराक्सिन गोली दी जाती है। हर दिन सुबह खाली पेट नियमित दवा लेने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन दवा लेने के पौन घंटे तक कोई भी दूसरी दवा या अन्य चीज नहीं खानी चाहिए।
यह भी पढ़े : क्यों, महिलाओं में होती है अधिक थाइराइड की समस्या..
हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण :-
थायराइड हार्मोन की अधिक होने से धड़कन में बदलाव, घबराहट, चिता, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, हाथ व अंगुलियों में कंपन, कमजोरी, बाल झड़ना, अचानक वजन कम होना व गले में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं। कई बार इसके गंभीर होने यानी ग्रेव्ज डिजीज होने पर आंखें लाल हो जाती हैं और बाहर की तरह निकलने लगती हैं।
थायराइड फंक्शन टेस्ट :-
अल्ट्रासोनोग्राफी और रेडियो सक्रिय आयोडिन या टेक्नीशियम परटेक्नेटेट थायराइड स्कैन से जांच की जाती है। एंटीथायराइड ड्रग्स व रेडियोसक्रिय आयोडिन थेरेपी या सर्जरी से इसका ईलाज किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को कुछ एंटीथायराइड दवाएं नहीं दी जाती हैं।
गर्भावस्था की पुष्टि होते ही कराएं थायराइड की जांच :-
गर्भावस्था में थायराइड ग्रंथि से बनने वाले हार्मोन के स्तर में बदलाव होते हैं। पहले तीन माह भ्रूण के विकास के लिए हार्मोंस मां से ही मिलते हैं। इन्हीं हार्मोन से शिशु के ब्रेन व तंत्रिका तंत्र का विकास होता है। ऐसे में मां को गर्भावस्था की पुष्टि होते ही थायराइड की जांच करानी चाहिए। जरूरत होने पर डॉक्टर के द्वारा दिए गई दवाई का सेवन करें और हर चार से आठ सप्ताह में जांच जरूर करवाये गर्भावस्था के दौरान टीएचएस स्तर को स्थिर (नियमित) रखते हैं। वहीं, बच्चे के जन्म के साथ ही बच्चे की भी थायराइड जांच करानी चाहिए। कई बच्चों को जन्मजात हाइपोथायराडिज्म या इक्टोपिक थायराइड की समस्या होती है। इसमें थायराइड ग्रंथि का विकास नहीं हो पाता और शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। न्यूक्लियर मेडिसिन स्कैन से इसकी जांच संभव है जो इलाज में काफी मददगार है।
आंकड़ों में थायराइड कहा हैं :-
– 10 में से एक वयस्क को देश में हाइपोथायराइडिज्म की समस्या का शिकार है, पुरुषों से तीन गुना ज्यादा महिला हाइपोथायराइडिज्म बीमारी का शिकार है।
– 4.3 करोड़ थायराइड के मरीज है देश में है
– 3 में से एक मधुमेह रोगी को थायराइड की समस्या है।
-1 तिहाई मरीजों को नहीं होती थायराइड की जानकारी।
– 44.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को पहले तीन माह में होती हाइपोथायराइड की समस्या
यह भी पढ़े : पीरियड्स क्या हैं और ये क्यों होते हैं ?
डिस्क्लेमर:- “थायराइडाइटिस” में किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले, उसकी मात्रा के बारे में डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें।
सुझाव: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|
|| मुझे उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल (आलेख ), लेख ”अक्सर गले में दर्द, सर्दी – खांसी, बुखार तो हो सकता है थायराइडाइटिस – जानिए कैसे ?” जरुर पसंद आई होगी। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की रीडर को स्वास्थ्य (Health) के विषय में पूरी सही जानकारी प्रदान की जाये ।|
Note:
अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे आपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। इस आलेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद। avnnews.in में दोबारा विजिट करते रहें…..
By: KP
Edited by: KP