पीरियड्स

पीरियड्स क्या हैं और ये क्यों होते हैं ?— Periods Meaning In Hindi

Periods kya hain aur ye kyon hote hain?

मासिक धर्म जिसे अंग्रेजी में पीरियड्स कहा जाता है, महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। पीरियड्स शुरू होने का अर्थ यह है कि महिलाओं का शरीर गर्भधारण करने की क्षमता हासिल करने की पहली स्टेप को पार कर चुका है।

पीरियड्स क्या है? ये क्यों होता है? कब शुरू होता है? जैसे कई प्रश्न हैं जिनका उत्तर जानना आपको बेहद जरूरी है।

इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए हम वरिष्ठ Gynecologist डॉक्टर की जानकारी के अनुसार।

 

पीरियड्स क्या हैं — What is Periods in Hindi?

डॉक्टर Gynecologist बताती हैं की :  लड़कियो मे “पीरियड्स का आना यानी यौवनावस्था शुरू होना। यौवन अवस्था के शुरू होते ही बच्चों के जननांग (Reproductive Organs) का विकास शुरू हो जाता है। इस दौरान बच्चों के शरीर के कई हिस्सों वा अनचाहे में बाल आते हैं। 

इस अवस्था में लड़कों के टेस्टिस (Testis) में स्पर्म बनना शुरू हो जाता है और लड़कियों में पीरियड्स शुरू हो जाता है, जिससे वे गर्भधारण के लिए तैयार हो जाती है। पीरियड्स के दौरान महिला की योनि से खून निकालता (Bleeding) है।”

पीरियड्स

पीरियड्स (मासिक धर्म) क्यों होते हैं — Why Menstrual Cycle Happens in Hindi?

डॉक्टर Gynecologist का कहना हैं : “जब कोई लड़की मेच्योर (Mature) होना शुरू होती है, तब उसका शरीर गर्भधारण के लिए तैयार हो जाता है। जब एक लड़की युवावस्था में प्रवेश करती है तो उसके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और तभी से पीरियड्स शुरू हो जाते हैं।

जब एक महिला युवावस्था में पहुंचती है, तो हार्मोनल प्रभाव के कारण अंडाशय (Ovary) अंडे का उत्पादन शुरू कर देते हैं। हर महीने गर्भाशय में एक परत बनती है। जो बलगम (म्यूकस) और खून से बनी होती है। जब महिला के अंडाशय से निकला हुआ अंडा पुरुष के वीर्य से मिलता (Fertilize) है तब भ्रूण बनने और उसे पोषण देने के लिए यह परत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जब अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तब वह महिला के योनि द्वार से बाहर निकलता है जो बलगम (म्यूकस) और खून को साथ लेकर आता है। इससे महिला को ब्लीडिंग होना शुरू हो जाती है। इस ब्लीडिंग को हम पीरियड्स, मासिक धर्म या माहवारी के नाम से जानते हैं।

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पीरियड्स से जुड़े कुछ सवाल जो अक्सर पूछे जाते हैं :-

अगर पीरियड्स के दौरान सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग हो या पीरियड्स लंबे समय तक चले तो क्या करें?

आमतौर पर देखा जाए तो स्वस्थ पीरियड पांच से सात दिनों तक चलता है। इस दौरान अगर ब्लीडिंग भारी मात्रा में होती है या फिर पीरियड्स सात दिनों से ज्यादा समय तक चलता है तो यह बीमारी को दर्शाता है। इस बीमारी को हम अतिरज या मेनोरेजिया (Menorrhagia) के नाम से जानते हैं।

गर्भाशय या अंडाशय से जुड़ी कोई बीमारी, हॉर्मोनल असंतुलन या खून से सम्बंधित कोई बीमारी आदि कई मुख्य कारण मेनोरेजिया (Menorrhagia) को जन्म देते हैं।

डॉक्टर  Gynecologist का कहना हैं : “किसी महिला में  ऐसी समस्या होती है तो उसे बिना देरी को किसी अच्छे Gynecologist से संपर्क करना चाहिए, वरना यह समस्या गर्भधारण में अड़चन पैदा कर सकती है।

अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म) क्या है और ऐसा होने पर क्या करना चाहिए?

दो महीने तक पीरियड्स (मासिक धर्म) नहीं आना, Menstrual Cycle 21 दिनों से कम या ज्यादा होना, ब्लीडिंग ज्यादा होना, एक महीने रुक कर पीरियड्स (मासिक धर्म) आना, Period Cycle का हर बार बदल जाना जैसी कई परेशानियां अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म) कहलाती हैं।

पीरियड्स में अनियमितता होने पर आपको किसी अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से सलाह लेना चाहिए।

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पीरियड्स नहीं होने पर क्या करें?

डॉक्टर  Gynecologist के अनुसार : “अगर लड़की की उम्र 15-16 वर्ष से ज्यादा हो गई है और उसके पीरियड्स (मासिक धर्म) नहीं आ रहे हैं या फिर एक या दो बार आकर बंद हो गए हैं तो यह स्थिति एमेनोरिया (Amenorrhea) के नाम से जानी जाती है।

 यह एक गंभीर समस्या का संकेत है। अगर किसी भी महिला का मेनोपॉज (Menopause) शुरू हो गया है और पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन अगर लड़की के बालिग (वयस्क) होने के बाद भी उसे पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। जिससे लड़की को मां बनने में परेशानी आती है।”

यह समस्या ज्यादातर हॉर्मोनल असंतुलन, शरीर में रक्त की कमी और प्रजनन प्रणाली वाले अंगों के कमजोर होने पर होती है। लेकिन कई दफा प्रजनन अंग में किसी बीमारी के होने के चलते भी इस समस्या को देखा जा सकता है। इस वजह से भी यह समस्या देखने को मिल सकती है.

अगर पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो गए हैं तो यह संभवत : पीसीओडी (PCOD) नामक बीमारी का संकेत हो सकता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर (PCOD) एक प्रकार का हार्मोनल डिसऑर्डर है।

जिसमें ओवरी (अंडाशय) की सतह में छोटी-छोटी थैलियों का निर्माण हो जाता है जिसके कारण अंडाशय (Ovary) अंडे बनाने में असमर्थ होता है और पीरियड्स नहीं आते हैं। 

PCOD की समस्या में महिला को पीरियड्स नहीं होते हैं और उनके शरीर और चेहरे पर बाल उगने लगते हैं। 

PCOD का इलाज विशेष प्रकार की सर्जरी के तहत किया जा सकता है।

अगर इसका इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो ये गर्भधारण में अड़चन बन सकता है। इसलिए पीरियड्स के अनियमित होने पर आप जांच जरूर करवाएं।

 

पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान तेज दर्द होने पर क्या करें ? -What to do in case of severe pain during periods ?

पीरियड्स के दौरान हल्का दर्द होना आम बात है, लेकिन कभी-कभी महिलाओं में यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि वे ठीक से चल भी नहीं पाती हैं। यदि दर्द बहुत ज्यादा रहता है तो इस समस्या को डिसमेनोरिया (दर्दनाक माहवारी /Dysmenorrhea) कहा जाता है।

डॉक्टर Gynecologist कहती हैं :  “Dysmenorrhea होने की वजह ‘एन्डोमीट्रीओसिस (Endometriosis)’ जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है। इसलिए अगर आपको पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होता है तो आपको इसकी जांच कर सही कारण का पता लगाना चाहिए और इलाज भी कराना चाहिए.’

एंडोमेट्रियोसिस (Endometrial) एक ऐसी बीमारी है जिसमें ‘एंडोमेट्रियल’ ऊतक (टिश्यू) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं।

 

मेनोपॉज किसे कहते हैं — what is Menopause in Hindi

महिला की ऐसी अवस्था जब उसके पीरियड्स (मासिक धर्म) बंद हो जाते हैं, मेनोपॉज कहलाता है। “जब महिला की उम्र 45 से 55 के बीच पहुंच जाती है तो अंडाशय में अंडे बनना बंद हो जाते हैं और गर्भाशय में परत का बनना भी बंद हो जाता है जिससे पीरियड्स नहीं होती है।”

मेनोपॉज के दौरान महिला को अधिक गर्मी का अनुभव होता है, बाल झड़ने की समस्या देखने को मिलती है, योनि में सूखापन आने लगता है और इसके अलावा शरीर में और भी कई बदलाव होने लगते हैं।

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निष्कर्ष :

महिलाओं को पीरियड्स (मासिक धर्म) होना जरूरी है। अगर महिला को पीरियड्स से संबंधित कोई परेशानी होती हैं तो उसे तुरंत ही किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से मिलकर जांच करवानी चाहिए।

 

सुझाव: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

|| मुझे उम्मीद है की आपको आर्टिकल (आलेख ), यह लेख ” Periods kya hain aur ye kyon hote hain? –  ”  जरुर पसंद आई होगी। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की रीडर को स्वास्थ्य (Health) के विषय में पूरी सही जानकारी प्रदान की जाये ।|

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By: KP

Edited  by: KP

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