देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली धुंध की मोटी चादर में लिपट गई है। शहर के विभिन्न हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आईटीओ, गाजीपुर, आनंद विहार और धौला कुआं जैसे प्रमुख इलाकों में एक्यूआई का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है।
शहर के अलग-अलग इलाकों की तस्वीरें सामने आई हैं। कैसे जहरीली धुंध ने पूरे शहर को अपनी आगोश में ले लिया है। दृश्यता काफी कम हो गई है और सुबह-शाम लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।
#WATCH | Delhi | Visuals from the Ghazipur area as a layer of toxic smog blankets the city. AQI (Air Quality Index) around the area is 358, as claimed by CPCB (Central Pollution Control Board), categorised as 'Very Poor'. pic.twitter.com/sd78vpj1sN
— ANI (@ANI) November 29, 2025
प्रमुख इलाकों में एक्यूआई का स्तर
आईटीओ- 345 एक्यूआई
गाजीपुर- 358 एक्यूआई
आनंद विहार-358 एक्यूआई
धौला कुआं- 372 एक्यूआई
#WATCH | Delhi | Visuals from the Anand Vihar area as a layer of toxic smog blankets the city. AQI (Air Quality Index) around the area is 358, as claimed by CPCB (Central Pollution Control Board), categorised as 'Very Poor'. pic.twitter.com/hWjv0HIp1c
— ANI (@ANI) November 29, 2025
बीते शुक्रवार सुबह दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में धुंध और हल्के कोहरे की मोटी चादर छाई रही, जिसने जनजीवन को प्रभावित किया। आसमान में स्मॉग की मौजूदगी के कारण दृश्यता काफी कम हो गई, जिससे लोगों को दैनिक कामकाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मास्क पहने हुए देखे गए, और विशेष रूप से सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह स्थिति काफी कष्टदायक साबित हुई।
दिल्ली में बीते कई दिनों से बिगड़ी हुई है हवा
शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 369 दर्ज किया गया, जो हवा की ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह गुरुवार की तुलना में 8 अंकों की गिरावट को दर्शाता है। इस बिगड़ती हवा की गुणवत्ता ने पर्यावरण विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।

दिल्ली -एनसीआर के प्रमुख शहरों का प्रदूषण का स्तर
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई, जहां AQI 388 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में 378, गाजियाबाद में 347 और गुरुग्राम में 320 AQI दर्ज किया गया। हालांकि, फरीदाबाद की हवा इन शहरों की तुलना में अपेक्षाकृत साफ रही, जहां सूचकांक 190 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 5 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1050 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड दर्ज किया गया।
पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर
दोपहर तीन बजे तक हवा में पीएम10 की मात्रा 335.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 की मात्रा 192.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। दोनों ही कणों का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
आगामी दिनों के लिए पूर्वानुमान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पूर्वानुमान है कि सोमवार तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में ही बनी रहेगी। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में भी सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, और लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्याओं का भी अनुभव हो सकता है।
इलाका- एक्यूआई
द्वारका सेक्टर 8- 419
रोहिणी, शादीपुर- 415
जहांगीरपुरी- 414
नेहरू नगर- 413
मुंडका- 412
पंजाबी बाग- 403
अशोक विहार- 400
बवाना- 396
वजीरपुर- 392
चांदनी चौक- 391
