Anxiety meaning in hindi: एंग्जायटी “Anxiety” क्या है?- जाने क्या हैं इसके कारण, सामान्य लक्षण, प्रकार और इलाज..
“जब भी कोई विचार या चिंता अपने निश्चित स्तर से आगे बढ़ जाता है तो उसे एंग्जायटी (Anxiety) कहते हैं”
Anxiety meaning in hindi: एंग्जायटी (Anxiety) यानि की बेचैनी वा चिंता इंसान के लिए घातक है। यह मस्तिष्क को चोट पहुंचाने के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है। जिंदगी के भाग- दौड़ में लोगों को एंग्जायटी (Anxiety) का होना बहुत आम है। एक दूसरे से आगे निकलने की होड़, खुद को असुरक्षित महसूस करना, रिश्तों में विश्वास की कमी, ग़लत व्यवहार, लड़ाई-झगड़ा, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपनी ही जिंदगी में लीन रहना यह सब एंग्जायटी यानि की बेचैनी वा चिंता का कारण हैं। एंग्जायटी (Anxiety) हर किसी को होती है परन्तु इसे बीमारी के तौर पर पहचानना बहुत मुश्किल है।
अगर आपको कोई विशेष नकारात्मक विचार या कोई परेशानी बहुत लंबे समय तक बनी रहे और उससे आपका रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ने लगे तो ये वाकई बहुत खतरनाक है।
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एंग्जायटी (Anxiety) क्या है?
एंग्जायटी (Anxiety) अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। जब हम अपनी भावनाओं को अनदेखा करते हैं तो वे हमारे दुःख का कारण बन जाते हैं। ठीक इसी प्रकार नजर अंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी (Anxiety) का रूप ले सकते है।
इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि उनके साथ कुछ गलत होने वाला है। यह घबराहट के दौरे यानि की पैनिक अटैक होता हैं। एंग्जायटी (Anxiety) के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। अगर ऐसा बार -बार होता है तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है।
“ जब भी कोई विचार या चिंता अपने निश्चित स्तर से आगे बढ़ जाता है तो उसे एंग्जायटी (Anxiety) कहते हैं।”
विचार हमेशा एक निश्चित स्तर तक ही करना चाहिए। लिमिट से अधिक विचार कभी नहीं करना चाहिए। जब तक की कोई भी विचार या कोई घटना आपको परेशान ना करें तब तक वह सामान्य हैं परन्तु जब कोई विचार या कोई घटना निश्चित स्तर से ऊपर जाकर आपको हैरान या परेशान करने लगे तब यह चिंता का विषय वा कारण है।
एंग्जायटी (Anxiety) के सामान्य लक्षण-
1.) बेवजह की चिंता करना
2.) हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना
3.) छाती में खिंचाव महसूस होना
4.) सांस फूलना
5.) लोगों के सामने जाने से डरना
6.) लोगों से बातचीत करने से डरना
7.) लिफ्ट में जाने और वापस नहीं निकल पाने का डर
8.) जुनून की हद तक सफाई करना
9.) बार-बार चीजों को सही करते रहना
10.) जीवन से निराश हो जाना
11.) ये सोचना कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार डालेगा
12.) पुरानी बातें याद करके बेचैन होना
13.) मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना
14.) फालतू के विचारों में बढ़ोतरी होना
15.) बिना कारण के बेचैनी महसूस करना
16.) गैरजरूरी चीज के प्रति बहुत लगाव रखना
17.) जल्दी निराश हो जाना
18.) किसी भी चीज के लिए अत्यधिक आग्रह करना आदि
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एंग्जायटी (Anxiety) के प्रकार-
1.) सामान्य एंग्जायटी (Anxiety)
2.) अनियंत्रित जुनूनी प्रकार
3.) सामाजिक चिंता प्रकार
4.) डर या फोबिया
5.) पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
6.) घबराहट
एंग्जायटी (Anxiety) के कारण-
- ज़्यादा चिंता करने लगना
छोटी सी छोटी बातों को ज़्यादा सोचना और ऐसा आप की जिंदगी में बार -बार होना एंग्जायटी (Anxiety) का ही लक्षण है। इसके चलते आप कई महत्वपूर्ण कामों को अच्छे से नहीं कर पाते है।
- तनावपूर्ण घटनाएं
कार्य का बोझ, तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन अथवा रिश्तों में कड़बहट यानी की दूरी बना जना जैसी अविश्वसनीय घटनाएँ आदि।
- परिवार का इतिहास
जिन लोगों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएँ होती रही हैं, उन्हें चिंता विकार की जैसी समस्या जल्दी हो सकती है जैसे ओसीडी (OCD) विकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकता है।
- स्वास्थ्य से जुड़े मामले
थायरॉयड की बीमारी वा रोग, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग आदि। अवसाद से पीड़ित लोग भी एंग्जायटी (Anxiety) की चपेट में आ सकते हैं। जो व्यक्ति लंबे समय तक डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। इससे कामकाज से संबंधी तनाव बढ़ने लगता है और फिर एंग्जायटी (Anxiety) का जन्म होता है।
- नशे का इस्तेमाल
पीड़ा, ग़म, मायूसी, उदासी और तकलीफ़ को भुलाने के लिए बहुत से लोग नशीली पदार्थ, शराब और अन्या नशों का सहारा लेते हैं।
यकीन मानें कभी भी ये नशीली पदार्थ एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज नहीं हो सकते हैं। हमेशा नशे का इस्तेमाल समस्याओं को और बढ़ा देता है। नशीली पदार्थ का असर खत्म होने के बाद फिर से वही परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
- व्यक्तिव से जुड़े विकार
कुछ लोगों को दुबारा किसी के साथ काम करने की आदत होती है लेकिन जब ये दुबारा की जिद सनक बन जाए तो ये एंग्जायटी (Anxiety) के अधीन आ जाता है। यही जिद उन लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है।
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एंग्जायटी (Anxiety) के परिणाम-
- उत्तेजित हो जाना
जब कोई बहुत ज्यादा परेशान होता है तो उसका सहानुभूति तंत्रिका तंत्र बहुत तेज़ से काम करना शुरु कर देता है जिसके कारण दिल की धड़कन बहुत तेजी से बढने लगती है, पसीना आने लगता है, हाथ पैर कांपने लगते हैं और मुंह सूखना लगता है।
2. घबराहट हो जाना
ज्यादा कुछ सोचने पर चिंता और घबराहट होने लगती है जो कि एंग्जायटी (Anxiety) का ही एक लक्षण है। यह हानिकारक हो सकता है। इससे पहले कि ये बढ़े, आपको डाक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए है।
- थकान हो जाना
जब हमें ज्यादा थकान महसूस होने लगे तो सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि ये सामान्य फ़ीलिंग है या किसी चिंता की वजह से हो रही है। यदि थकान के कारण सिर दर्द या घबराहट है तो ये एंग्जायटी (Anxiety) का एक लक्षण है। ज़्यादा चिंता करने से नींद नही आती और तनाव बढ़ने लगता है।
- ध्यान देने में मुश्किल होना
एक शोध से पता चला है कि जो लोग ज्यादा सोचते या चिंता करते हैं, उन्हें ध्यान केंद्रित करने में बहुत कठिनाई होती है और अधिक चिंता के कारण याद्दाश्त पर भी असर पड़ता है।
- चिड़चिड़ापन होना
एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित लोग बहुत अधिक चिड़चिड़े होते हैं। वे बात- बात पर गुस्सा और चिड़चिड़ापन दिखाते हैं जिससे उनका सामाजिक स्तर गिर हो जाता है। इसी वजह से वे लोगों से दूर हो जाते हैं।
- मांसपेशियों में तनाव
मांसपेशियों में तनाव रहने लगता है। व्यक्ति को चिंता के दौरे पड़ने लगते हैं वह खुद को हर जगह असुरक्षित पाता है।
- सोने में समस्या होना
एंग्जायटी (Anxiety) का एक लक्षण यह है कि व्यक्ति सही से सो नहीं पाता। नींद पूरी तरीके से नहीं ले पाने के कारण नींद में सोते हुए गिर जाना या आधी रात में जग जाना यह सब भी एंग्जायटी (Anxiety) के लक्षण हैं।
- घबराहट का दौरा पड़ना
एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित लोगों को घबराहट का दौरा पड़ने लगता है जिसके कारण दिल की धड़कन बढ़ने लगती है व पसीना आने लगता है।
गर्भवती महिलाओं में शिशु (भ्रूण) को सांस लेने में परेशानी होती है जिससे गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है। पीड़ित व्यक्ति को सीने में जकड़न, उल्टी और ख़ुद पर संतुलन खो बैठने जैसी समस्याओं से घिर जाता है।
- समाज से कटे रहना
जिन लोगों को ज्यादा बेचैनी होती है वो सामाजिक स्थितियों से डरते रहते हैं। उन्हें समाज में उठना बैठना अच्छा नहीं लगता है। ऐसे लोगों को लगता है कि समाज उन्हें और उनकी बातों को अहमियत नहीं देगा।
- संतुष्टि का अभाव
एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित इंसान कभी भी संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाता है। उसे सदा दुःखो का एहसास होता रहता है और वह संतुष्ट जीवन का आनंद लेने में असक्षम होता है।
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एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज-
1.) व्यक्ति को किसी भी समय किसी भी चीज या बात को लेकर चिंता हो सकती है, लेकिन अगर सही समय पर इनका इलाज न किया जाए तो यह अवसाद का रूप ले सकती है और पीड़ित व्यक्ति को घबराहट और चिंता के दौरे पड़ सकते हैं।
2.) हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते है परन्तु इस समस्या की गंभीरता को कम नहीं समझना चाहिए। अगर एंग्जायटी (Anxiety) के एक भी लक्षण से आप, आपके परिवार का कोई व्यक्ति या जान पहचान का कोई इंसान पीड़ित है तो सबसे अच्छा यही है कि इलाज के लिए आप किसी अच्छे चिकित्सक, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद लें।
3.) एंग्जायटी (Anxiety) का इलाज काउंसलिंग के साथ दवाओं के इस्तेमाल से बेहद आसानी से किया जा सकता है।
4.) एंग्जायटी (Anxiety) की समस्या होने पर उसका इलाज़ ये नहीं है कि आप उसे अंतिम सत्य मानकर बैठ जाएं। हिम्मत से समस्या का सामना करें। एक न एक दिन ये एंजाइटी (Anxiety) की समस्या आपसे जरूर दूर हो जाएगी।
5.) सावधान रहने और चिंता करने में बहुत बड़ा अंतर है! सावधान रहने का मतलब जगरूप (जागृत) होना है जबकि चिंता करने का मतलब विचारों को गहराई से सोचते रहना है जो आपको अंदर ही अंदर से खा जाती हैं इसलिए सावधान रहिए चिंतित नहीं।
एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने के लिए क्या खाएं?
1.) पालक का सेवन करने से एंग्जायटी (Anxiety) से राहत मिलती है। पालक का जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। पालक को सब्ज़ी के रूप में भी खाया जा सकता हैं। पालक में एंटी डिप्रेसिव और एंटी स्ट्रेस गुण होता हैं जो एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने में मदद करता है।
2.) गाजर का सेवन भी चिंता को दूर करने के लिए किया जा सकता है। आप गाजर को सलाद के रूप में खा सकते हैं या उसका जूस निकाल कर भी सेवन कर सकते हैं। गाजर में विटामिन ए, सी और के पाया जाता है साथ ही पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है जो चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) से निजात दिलाने में सहायता करता है।
3.) बादाम, मिशेलिया और लैवेंडर, अल्बा के पत्ते आदि के तेलों को मिलाकर सिर की मालिश करने से भी बेचैनी की परेशानी दूर होती है। तेलों के इन मिश्रण में चिंता निवारण गुण होते हैं जो बेचैनी व घबराहट को दूर करने में सहायता करते हैं।
4.) एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने के लिए जायफल भी काफी सहायता करता है। इसका पाउडर के रूप में नाश्ते व खाना बनाने के दौरान इस्तेमाल करें। जायफल का तेल मूड ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जायफल के तेल की कुछ बूंदों को रूमाल पर डालकर इसको सूंघते रहें। इससे काफी आराम मिलेगा।
“एंग्जायटी (Anxiety) और चिंता दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक होते हैं इसलिए ऐसी चीज़ों से दूर रहें जो एंग्जायटी (Anxiety) का कारण बनता हैं।”
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Note:
सुझाव/ अस्वीकरण:- यह ब्लॉग/आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| यह किसी भी तरह से योग्य, चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|
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