भारतीय ध्वज (तिरंगा) फहराने के नियम देश के गर्व का प्रतीक होते हैं और उन्हें उच्च मान्यता और श्रद्धा के साथ पालन किया जाना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण भारतीय ध्वज फहराने के नियम दिए गए हैं:
1. ध्वज का सम्मान:
भारतीय ध्वज का सम्मान करना राष्ट्रीय दिन और अन्य राष्ट्रीय उत्सवों के दौरान अनिवार्य है। ध्वज को फहराने और समाप्त करने का काम विशेष श्रद्धा और सत्कार के साथ किया जाना चाहिए।
2. अनुमति का अधिकार:
ध्वज को फहराने का अधिकार सरकार अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों, स्कूल और कॉलेजों, विभिन्न संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों को होता है। व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए ध्वज को फहराना नहीं चाहिए।
3. ध्वज के आकार और अनुपात:
भारतीय ध्वज का आकार 3:2 का अनुपात होता है, जिसका मतलब चौड़ाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए। ध्वज की चौड़ाई का अनुमान लगाने के लिए अंगुलियों का प्रयोग किया जा सकता है।
4. सही ढंग से फहराना:
ध्वज को सही ढंग से फहराना महत्वपूर्ण है। ध्वज को भारतीय विधान मंडल और सरकारी आदेशों के अनुसार फहराना चाहिए।
5. सही समय में फहराना:
ध्वज को सटीक समय पर फहराना आवश्यक है। राष्ट्रीय उत्सवों और सार्वजनिक अवसरों पर ध्वज को सुबह सूर्योदय के बाद ही फहराया जाना चाहिए और संध्या समय में सूर्यास्त के बाद ध्वज को समाप्त किया जाना चाहिए।
6. ध्वज की सवारी:
ध्वज की सवारी विशेष प्रोटोकॉल के अनुसार की जानी चाहिए। ध्वज की सवारी के दौरान ध्वज को ऊंचाई में सावधानीपूर्वक और सम्मान से फहराया जाना चाहिए।
7. ध्वज का संगठन:
ध्वज को फहराने के दौरान उच्चाधिकारियों और सेना के अधिकारियों के साथ भारतीय ध्वज के संगठन में सावधानी बरतने चाहिए और ध्वज को नीचे न गिरने देने का ध्यान रखना चाहिए।
यहां दिए गए नियमों का पालन करके हम सभी भारतीय ध्वज के प्रति सम्मान और श्रद्धा का संदेश देते हैं और अपने देश के गर्व को बढ़ाते हैं।