Budget 2025 Important : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में करदाताओं के लिए कई महत्वपूर्ण आयकर राहत उपायों की घोषणा की। ये बदलाव करदाताओं के कर बोझ को कम करने, फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और बचत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। सरकार ने कर स्लैब्स को बढ़ाया, छूट की सीमा में वृद्धि की और छोटे व्यवसायों के लिए लाभ घोषित किए। इन कदमों से विभिन्न आय समूहों के लोगों की Disposable Income बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

2025 के बजट में आयकर राहत के 5 प्रमुख उपाय

1. ₹12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं  

2025 के बजट में सबसे बड़ी राहत यह है कि अब वे लोग जिनकी सालाना आय ₹12 लाख तक है, उन्हें कोई आयकर नहीं देना होगा। इससे मध्य वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों को अधिक बचत करने का अवसर मिलेगा।

2. नए आयकर स्लैब्स

सरकार ने नए आयकर स्लैब्स की घोषणा की है, जो इस प्रकार हैं:

– ₹0 – ₹4 लाख: कोई कर नहीं

– ₹4 लाख – ₹8 लाख: 5% कर

– ₹8 लाख – ₹12 लाख: 10% कर

– ₹12 लाख – ₹16 लाख: 15% कर

– ₹16 लाख – ₹20 लाख: 20% कर

– ₹20 लाख – ₹24 लाख: 25% कर

– ₹24 लाख से ऊपर: 30% कर

यह नया संरचना कर की गणना को सरल बनाती है और करदाताओं को राहत प्रदान करती है।

3. विभिन्न आय समूहों के लिए कर लाभ  

नए कर स्लैब के तहत, विभिन्न आय समूहों को ये लाभ मिलेंगे:

– ₹12 लाख आय वाले करदाता को ₹80,000 की बचत

– ₹18 लाख आय वाले करदाता को ₹70,000 की बचत

– ₹25 लाख आय वाले करदाता को ₹1.10 लाख की बचत

4. सैलेरीड और पेंशनधारकों के लिए उच्च मानक कटौती  

सरकार ने नए कर व्यवस्था में मानक कटौती को ₹75,000 कर दिया है। इसका मतलब है कि अब सैलेरीड लोग और पेंशनधारी ₹75,000 तक की राशि को अपनी कर योग्य आय से घटा सकते हैं। इससे उनकी कर मुक्त आय सीमा ₹12.75 लाख हो जाती है।

जो लोग पुराने कर व्यवस्था को चुनते हैं, उनके लिए मानक कटौती ₹50,000 बनी रहती है, लेकिन वे अन्य कटौतियाँ जैसे कि:

– धारा 80C (₹1.5 लाख की कटौती)

– धारा 80D (स्वास्थ्य बीमा कटौती)

– HRA (घर किराया भत्ते) का लाभ ले सकते हैं।

5. किराए पर TDS सीमा में वृद्धि  

सरकार ने किराए पर TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी है। इसका मतलब है कि यदि किराए की राशि ₹6 लाख से कम है, तो किराएदार को मकान मालिक को भुगतान करते समय TDS काटने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे छोटे मकान मालिकों और किराएदारों पर कर का बोझ कम होगा।

इन उपायों से करदाताओं को राहत मिलेगी और आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा।

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