बेलपत्र

Mahashivratri Belpatra : आज देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान शिव की पूजा और उपासना का विशेष अवसर है, जिसमें शिव भक्त उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से बेलपत्र अर्पित करने की परंपरा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। आइए, जानते हैं बेलपत्र की महिमा और इसे शिवलिंग पर चढ़ाने के नियमों के बारे में।

Mahashivratri Belpatra

शिवजी को बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है?

शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब कालकूट नामक विष उत्पन्न हुआ, तो उसका प्रभाव पूरे ब्रह्मांड में फैल गया। सभी देवता और जीव-जंतु भयभीत हो गए। इस संकट से उबारने के लिए देवता और असुर भगवान शिव से प्रार्थना करने लगे। तब भगवान शिव ने यह विष अपनी हथेली पर रखा और उसे पी लिया। विष के प्रभाव से उनके गले का रंग नीला पड़ गया, जिस कारण उन्हें ‘नीलकंठ’ कहा जाने लगा। लेकिन इस विष के कारण शिवजी का मस्तिष्क अत्यधिक गरम हो गया।

बेलपत्र और जल का महत्व

शिवजी की गर्मी को शांत करने के लिए देवताओं ने उन पर जल का छींटा मारा और बेलपत्र अर्पित किए। बेलपत्र की ठंडी तासीर ने भगवान शिव के मस्तिष्क को ठंडा किया और उनका ताप कम हुआ। इस कारण से बेलपत्र को भगवान शिव की पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया।

बेलपत्र चढ़ाने से मिलती है भगवान शिव की कृपा

बेलपत्र का महत्व केवल शारीरिक शांति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद लाने का कार्य करता है। जब भक्त बेलपत्र अर्पित करते हैं, तो भगवान शिव की विशेष कृपा उन पर बरसती है। माना जाता है कि बेलपत्र चढ़ाने से दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य का वास होता है।

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बेलपत्र चढ़ाने के नियम:

1. शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा के समय शुद्ध मानसिकता और शुद्ध वस्त्र पहनकर ही बेलपत्र अर्पित करें।

2. तीन पत्ते चुनें: शिवलिंग पर आमतौर पर तीन बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं। इन तीन पत्तों को त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का प्रतीक माना जाता है।

3. प्राकृतिक बेलपत्र का उपयोग करें: पूजा में हमेशा ताजे और प्राकृतिक बेलपत्र का ही उपयोग करें। ये बेलपत्र बिना किसी खंडित या सूखे हुए होने चाहिए।

बेलपत्र

4. सच्चे मन से अर्पण करें: बेलपत्र अर्पित करते समय सच्चे मन से भगवान शिव का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

निष्कर्ष:

महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र अर्पित करने से न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि व्यक्ति की दरिद्रता भी दूर होती है और उसका जीवन सुखमय बनता है। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली तरीका है भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने का।

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