लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि वे जमुई से ही अगले लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। चिराग रविवार को अमृत भारत स्टेशन योजना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जमुई पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि मैंने शुरुआती दौर में ही एक आशीर्वाद जमुई के लोगों से मांगा था। अब वापस आशीर्वाद मांग रहा हूं। मै जवानी में जमुई आया हूं और अब यहां से बुजुर्ग बनकर ही जाना चाहता हूं। चिराग के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि वे अपने चाचा और रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस के लिए हाजीपुर सीट छोड़ सकते हैं।
चिराग ने आगे कहा कि जमुई से मेरा रिश्ता सिर्फ सांसद वाला नहीं है। यहां की एक-एक जनता से मेरा रिश्ता है। जमुई से व्यक्तिगत जो संबंध है, जिसको मरते दम तक निभाएंगे।
विपक्षी दलों की गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह घमंडी लोगों का गठबंधन है। I.N.D.I.A में शामिल सभी पार्टियों के नेता व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के साथ देश और प्रदेश को सूली पर चढ़ाने का काम किया है।
चिराग पासवान ने कहा विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री बेंगलुरु गए और निराश होकर वहां से लौटे। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि नेतृत्व नहीं तो कम से कम संयोजक ही बना दें। अब मुंबई में उनका कैसा स्वागत होता है। यह देखने वाला होगा।
लोजपा (रा) के अध्यक्ष ने कहा कि I.N.D.I.A में शामिल दल एक-दूसरे का भला नहीं चाहते हैं। एक दूसरे के सिर पर पांव रखकर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बहुत सूट करता है।
वे लालू यादव के घर राहुल गांधी चले गए। मुख्यमंत्री इन तस्वीरों से बहुत विचलित हुए होंगे, क्योंकि जिस जगह को वो अपने लिए तराशने का काम कर रहे थे, वह जगह धीरे-धीरे कांग्रेस लेती जा रही है।
चिराग ने आगे कहा कि बेंगलुरु के बैठक से पहले बिहार की बैठक में बड़े अगुआ बन रहे थे। बेंगलुरु के बैठक में तीसरे चौथे पंक्ति के नेता बन गए थे।