IT Ministry Blocks Mahadev Betting App: रविवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने महादेव बुक ऑनलाइन सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग यानी बंद करने का आदेश आदेश जारी किए हैं, जो छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रहे हैं।
सरकारी सूचना में कहा गया है कि यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मनी लॉन्ड्रिंग जांच और छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद की सिफारिश पर की गई थी।
आदेश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत जारी किए गए थे, जो सरकार को भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में किसी भी सामग्री को ऑनलाइन ब्लॉक करने का अधिकार देता है। या उपरोक्त से संबंधित किसी भी संज्ञेय यानी हस्तक्षेप-योग्य अपराध को करने के लिए उकसाने को रोकने के लिए”।
महादेव बुक के मालिकों को इस साल अगस्त में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार भी किया गया था।
“छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए (Under Sec 69A IT Act.) के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालाँकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया है और राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई भी अनुरोध नहीं किया गया है, जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जाँच कर रहे हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और उस पर कार्रवाई की गई है। सरकारी विज्ञप्ति (Cognizable) के अनुसार, आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि, ”छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।”
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को आरोप लगाया है कि कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में एक संदिग्ध के ईमेल बयान से पता चला है कि ऑपरेशन के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ₹508 करोड़ की रिश्वत दी थी। इसमें यह भी कहा गया है कि गुरुवार को छापेमारी के दौरान रायपुर के एक होटल से उनके द्वारा जब्त की गई ₹5.39 करोड़ की नकदी कांग्रेस पार्टी के चुनाव खर्च के लिए पहुंचाई जा रही थी।
भूपेश बघेल ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ईडी का दावा राज्य में कांग्रेस सरकार को “बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास” है।
इससे राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध यानी ज़ुबानी जंग भी शुरू हो गया। राज्य में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं।