नई दिल्ली: दिल्ली मुख्यमंत्री आवास में कथित घोटाले की सीबीआई जांच के गृह मंत्रालय ने आदेश दे दिए हैं. सीबीआई जांच के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब तक पचास से ज्यादा जांच हो गई है. हम पर 33 से भी ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. लेकिन कुछ नहीं मिला.

दिल्ली मुख्यमंत्री आवास में कथित घोटाले मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI ) जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सीबीआई जांच पर तंज भरा प्रतिक्रिया दी है .

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ये पहली बार नहीं है. प्रधानमंत्री हमसे घबराए हुए हैं, अब तक पचास से ज्यादा जांच हो गई है. हम पर 33 से भी ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. सभी तरह की जांच कर ली गई लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हम इस जांच का स्वागत करते हैं. लेकिन उन्हें कुछ भी मिलने वाला नहीं है और. वह काम करते नहीं है, कोरी भाषणबाजी करते रहते हैं. केजरीवाल झुकने वाला नहीं है, जितनी मर्जी फर्जी जांच करवा लें वो. मेरी चौथी पास राजा को चुनौती है. अगर इस जांच में कुछ भी नहीं मिला तो क्या प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे?

आप को बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के बाद सामने में आईं कथित अनियमितताओं के सभी पहलुओं की जांच अब सीबीआई करेगी. इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही सीएजी द्वारा एक विशेष ऑडिट का आदेश भी दिया जा चुका है.

45 करोड़ खर्च करने का आरोप है

आप को बता दें कि दिल्ली BJP ने भी आरोप लगाए हैं. कहा गया था कि कोविड के दौर में 1 सितम्बर 2020 से लेकर 30 दिसम्बर 2021 तक के 16 माह का वक्त ऐसा था जब बड़े से बड़ा उघोग व्यापार भी मंदी की मार झेल रहा था. दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम पर आ गया था और दिल्ली सरकार ने विकास कार्य और अनेक राहत कार्य धन अभाव में रोक दिये थे. कोविड काल के पीक के 16 माह के दौर में अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने घर और ऑफिस पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करना उनकी संवेदनहीनता का एक बहुत बड़ा प्रमाण है.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि आवास के लिए खरीदे गए आठ नए पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपये से अधिक है जबकि सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का खरीदा है. दस्तावेजों का हवाला देते हुए, संबित पात्रा ने कहा कि 1.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के संगमरमर वियतनाम से लाए गए थे, जबकि पूर्व-निर्मित लकड़ी की दीवारों पर 4 करोड़ रुपये खर्च कर दिए किए गए थे.

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