राजधानी दिल्ली में हवा की धीमी गति और खराब मौसम की स्थिति ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है। बुधवार सुबह हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। इससे पहले मंगलवार को हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई थी। आज फिर सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे की मोटी परत से हुई, साथ ही स्मॉग की परत भी दिखाई दी। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, बुधवार सुबह राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 दर्ज किया गया है। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली के अलीपुर में एक्यूआई 333, आनंद विहार में एक्यूआई 374, अशोक विहार में 362, आया नगर में 271, बवाना में 352, बुराड़ी में 320, चांदनी चौक इलाके में 382 एक्यूआई दर्ज किया गया है।

वहीं, डीटीयू में 361, द्वारका सेक्टर 8 इलाके में 371, आईजीआई एयरपोर्ट टी3 इलाके में 273, जहांगीरपुरी में 373, लोधी रोड 330, मुंडका 378, पंजाबी बाग में 366, आरकेपुरम 366, रोहिणी 367, सोनिया विहार 352, विवेक विहार 373, वजीरपुर में 368 दर्ज किया गया है।

 क्यों बिगड़ती जा रही राजधानी दिल्ली की हवा?

विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बनी हुई गंभीर वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण मौसम का मिजाज है। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, तापमान में कमी के कारण प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि हुई है और पश्चिमी विक्षोभ के चलते मंगलवार को भी वायु गुणवत्ता जो नीचे फंसी हुई ठंडी हवा को ऊपर उठने नहीं देती है। इसी ठंडी हवा में गाड़ियों का धुआं और निर्माण की धूल जैसे प्रदूषक जमा हो जाते हैं। प्रदूषकों को ऊपर जाने का रास्ता नहीं मिलता, इसलिए वे जमीन के बहुत करीब फंसे रहते हैं। बारिश जब नहीं होती और हवा भी धीरे चलती है तो फंसा हुआ प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता, जिससे स्थिति कई गुना खराब हो जाती है।

दिल्ली

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। 101-200 का मतलब वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब और 301 से 400 के बीच का अर्थ वायु गुणवत्ता की बेहद खराब श्रेणी को दर्शाता है। 401 से 500 की श्रेणी में वायु की गुणवत्ता गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति में इंसान की सेहत को नुकसान पहुंचता है। पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानलेवा है।

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