दिल्ली में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी शुरू हो गई है. बिहार के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी में भी वोटर लिस्ट की सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह अभ्यास किया जाएगा.
अधिकारियों ने 15 सितंबर को बताया कि हालांकि अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन इस प्रक्रिया का जमीनी काम अंतिम चरण में है और संबंधित कर्मचारियों को ट्रेन किया जा रहा है.
क्या-क्या तैयारियां हो रही है?
दिल्ली निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय में रिक्तियों को भरा जा रहा है और बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि मतदान केंद्रों के पुनर्गठन और रिकॉर्ड सुधार का काम भी जारी है ताकि प्रक्रिया शुरू होते ही उसे तेजी से लागू किया जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि अगले चुनावों से पहले मतदाता सूची की खामियों को दूर करने और नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए यह कदम अहम साबित होगा.
बिहार के अनुभव से सबक, दिल्ली में बढ़ी उम्मीदें
हाल ही में बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण ने सियासी बहस को जन्म दिया था. यह 2003 के बाद पहला बड़ा अभियान था जिसमें मतदाता सूची की समीक्षा की गई और कुल मतदाता संख्या 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि इससे लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि यह कदम केवल पात्र नागरिकों को सूची में शामिल करने और अपात्र नाम हटाने के लिए उठाया गया.
दिल्ली में यह पहल मतदाता सूची को अद्यतन करने और चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
दिल्ली में कुल मतदाता और भविष्य की रणनीति
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में इस समय कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं. इनमें 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिलाएं और 1,261 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि भले ही दिल्ली में फिलहाल कोई चुनाव निर्धारित नहीं है, लेकिन समय रहते तैयार रहना जरूरी है.