UPI Payment : फोनपे और गूगल पे को नए साल का तोहफ़ा दिया है नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने ये जो थर्ड पार्टी एप फोनपे और गूगल पे के लिए यूपीआई में बाजार हिस्सेदारी कम करने की समय सीमा दो साल के लिए बढ़ा दी है। यह दूसरा मौका है जब एनपीसीआई ने समय सीमा बढ़ाई है। ये दोनों ही एप ने नई कंपनियों के आने के बाद भी बाजार में हिस्सेदारी क्रमशः 48 प्रतिशत और 37 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।

फोनपे और गूगल पे की बाजार हिस्सेदारी में अभी भी तेजी जारी

नवंबर, 2020 में एनपीसीआई (NPCI) ने कहा था कि 31 दिसंबर, 2024 तक किसी भी थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर के पास कुल यूपीआई लेनदेन का वॉल्यूम का 30 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सा नहीं होना चाहिए। हालांकि फोनपे और गूगल पे की बाजार हिस्सेदारी में लगातार तेजी जारी है क्योंकि पेटीएम को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

फोनपे

कई बैंक बना रहे हैं अपनी यूपीआई ऐप रणनीति

पिछले महीने 22.3 लाख करोड़ रुपये के 1,613 करोड़ यूपीआई लेनदेन हुए। पेटीएम फिर से बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहा है। इसके साथ ही नावी, क्रेड, भीम, व्हाट्सएप पे और अन्य नए एप मजबूती से बढ़ रहे हैं। बैंक भी अपनी यूपीआई ऐप रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में गूगल और फोन पे की अपने आप ही बाजार हिस्सेदारी घट सकती है।

व्हाट्सएप पे पर थी उपयोगकर्ताओं की सीमा

वहीं एक दिन पहले ही व्हाट्सएप को बड़ी राहत देते हुए एनपीसीआई (NPCI) ने तत्काल प्रभाव से थर्ड-पार्टी ऐप प्रदाता व्हाट्सएप पे के लिए यूपीआई उपयोगकर्ताओं को शामिल करने की सीमा अब हटा दी है। इसके साथ, व्हाट्सएप पे अब भारत में अपने पूरे उपयोगकर्ता आधार को यूपीआई सेवाएं प्रदान कर सकता है। इससे पहले, एनपीसीआई ने व्हाट्सएप पे को चरणबद्ध तरीके से अपने यूपीआई उपयोगकर्ता आधार का विस्तार करने की अनुमति दी थी। बता दें कि व्हाट्सएप पे को 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं की सीमा थी जिसे एनपीसीआई ने हटा दिया है। एनपीसीआई, वही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक पहल है, जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन के लिए एक छत्र संगठन है।

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