पीरियड्स

आया पीरियड्स, हुआ शक और ले ली जान ..

आप धरती के किसी भी कोने में हो, या किसी भी मुल्‍क में हो, या किसी भी नस्‍ल में हो, या किसी भी जाति में हो, या किसी धर्म में हो और किसी भी सभ्‍यता में, लड़की होने की भारी कीमत चुकानी ही पड़ती है। 

कई बार कुछ ऐसी घटनाएं जो हमें दुःखी और शर्मशार कर देती हैं। यह घटनाएं  देख-सुनकर हमारा रूह कप जाती है और हमे इंसान होने पर भी घिना हो जाये। 

किसी लड़की का अपनी मर्जी व पसंद से शादी करना और यहां तक कई लड़कियों को स्‍कूल-कॉलेज जाने तक की इच्‍छा के लिए भी मार डाला गया है। 

लेकिन, आज तक शायद ही कोई लड़की इसलिए मारी गई क्‍योंकि उसे पहली बार पीरियड्स (मासिक धर्म, माहवारी) हुए थे। सभी लड़कियों में एक उम्र के बाद हर महीने पीरियड्स होते हैं और उनके शरीर से हर महीने खून रिसता है। ये हमेशा से होता आया है और या होता रहेगा, लेकिन कोई लड़की महज़ उसके पीरियड्स आने के कारण उसे कोई जान से नहीं मारी जाती है।

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पीरियड्स,

एक ऐसी घटना:

यहां घटना कुछ महीने पहले की है महाराष्‍ट्र के ठाणे जिले में कुछ ऐसा ही हुआ था। एक 12 साल की लड़की थी, उसकी मां की मौत होने के कारण वो लड़की अपने भाई-भाभी के पास रहने शहर आ गई। 

यहां आने के बाद लड़की को पहली बार पीरियड्स आना शुरू हुआ था और उसे खून आ रहा था। जिसके धब्बे कपड़ों में अचानक लग आए थे, यह खून की वजह लड़की को खुद भी कुछ भी नहीं पता थी। वो लड़की घबराई हुई थी, खुद भी समझने की कोशिश ही कर रही थी, कि तभी उसके बड़े भाई ने उसके कपड़ों पे लगे खून को देखा और सवाल किया, जिसका जवाब देने में बच्ची असमर्थ रही थी, क्यूंकि बच्ची को कुछ समझ नही आ रहा था, की उसके साथ ऐसा क्यूं हो रहा है।

बजाय, इसके कि कोई बच्‍ची की हालत  समझाता या समझता, उस बच्ची का कोई जवाब न देने के कारण भाई ने आपनी बहन पर लव अफेहर और शारीरिक संबंध का शक हुआ, जिसके चलते भाई ने अपनी 12 साल की नाबालिग बहन को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। लड़की के भाई ने अपनी हैवानियत दिखाते हुए गर्म चिमटे से उस लड़की के शरीर को दाग गया । लड़की के भाई ने तीन दिनों तक उसे इतना मारा-पीटा गया और उसके शरीर को दगा जिसके दर्द को वो लड़की सहन न कर पाई आखिर में उस लड़की की मौत हो गई। पोस्‍टमॉर्टम के रिपोर्ट से यह सारा सच सामने आया।

उल्लासनगर के मध्य थाने के वरिष्ठ निरीक्षक मधुकर काड ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला को दर्ज किया गया हैं और लड़की के भाई को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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पीरियड्स

अब सवाल उठता ऐसा हुआ क्‍यों?:

जिस बहन को उस नाजुक वक्‍त में दुलार और मदद की जरूरत थी, जिंदगी ने उसे मौत दे दी। लड़की की अपने सगे भाई ने उसे मौत दे दी।

क्या?, पितृसत्‍ता ने उसे मौत दे दी। क्या?, पूरे समाज और उसके काथाकथित संस्‍कारों ने उसे मौत दे दी।

अगर आपको लगता है, कि उस बच्‍ची की हत्‍या सिर्फ उसके भाई ने की है और इस हत्‍या में हमारे महान समाज के महान संस्‍कारों की कोई भूमिका नहीं थी, तो आप गलत सोचते हो, जी हां आप बहुत ही गलत सोचते और सोच भी रहे हो।

हमारे महान देश के महान नागरिकों की राय है कि, यह दुखद घटना देश में सेक्‍स एजुकेशन की कमी की वजह से हुई थी। एक 30 साल का शादीशुदा नौकरी करने बला आदमी सेक्‍स एजुकेशन की कमी के कारण अपनी 12 साल की सगी व अपनी छोटी बहन की हत्‍या कर बैठा। 

मानो इस सारे कांड के पीछे सिर्फ मामूली सी वजह है, कि उस आदमी को पीरियड्स के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था।

कितना भोला सा जवाब है ना और कितनी मासूमियत से लोग मर्दों की हैवानियत को इतने भोलेपन का मीठा सा चादर ओढ़ा देते हैं। बेचारा मर्द… बहुत ही बेचारा है जो कुछ भी नहीं है जनता है, सच में कितना भोला है ये मर्द।

सरकार को बड़े पैमाने पर सेक्‍स एजुकेशन के कार्यक्रम चलाना चाहिए। सरकार ऐसा कर देती है तो मर्द बेरहमी से महिलाओं और लड़कियों का कत्‍ल व मारना -पीटना करना बंद कर देंगे।

एक 12 साल की लड़की की हत्‍या न पीरियड्स के कारण हुई, न सेक्‍स एजुकेशन की कमी के कारण। यह हत्‍या हुई सेक्‍स के कारण। जो लड़की ने कभी किया ही नहीं। जिसके हो जाने का भाई को संदेह भर था। सिर्फ इस ख्‍याल भर ने कि किसी पराए मर्द ने उसकी बहन के शरीर को हाथ लगाया है, उस आदमी को इस कदर गुस्‍से से पागल कर दिया, कि उसे हत्‍या करने में जरा सा संकोच भी नहीं हुआ।

यह हत्‍या दरअसल इसलिए भी हुई क्‍योंकि वह लड़की थी। और वो लड़की ही थी, क्या लड़की पहले अपने पिता की, फिर भाई की, फिर अपने होने वाले पति की और फिर अपने बेटे की प्रॉपर्टी होती है।

यह हत्‍या इसलिए भी हुई, क्‍योंकि फितूरी अहंकारी भाई को एक शक हुआ कि उसकी प्रॉपर्टी पर किसी और ने हाथ मारा है।

उसकी इज्‍जत पर किसी ने धब्बा लगा दिया है। यह हत्‍या इसलिए भी हुई क्‍योंकि अपनी बहन की इज्‍जत का पहरेदार बना भाई दूसरों की बहनों की इज्‍जत पर नजर गाड़े रखता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता था। यह हत्‍या इसलिए भी हुई क्‍योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका था।

यह हत्‍या इसलिए भी हुई क्‍योंकि वो 12 साल की मासूम बच्‍ची थी और समय से पहले बच्ची की मां का मौत हो जाना।

यह हत्‍या इसलिए नहीं हुई कि देश में सेक्‍स एजुकेशन की कमी है, यह हत्‍या इसलिए हुई क्‍योंकि पूरे देश में मानवता की, दया की, भलाई की, इंसान-इंसान के बीच बराबरी की, औरत- आदमी के बीच प्रेमपूर्ण सौहार्द्रपूर्ण रिश्‍तों की कमी है। यह हत्‍या इसलिए हुई कि मर्दों की एक बनाई दुनिया से बुरी गंध आ रही है और यहां सुंदरता की बहुत कमी है।

यह हत्‍या उसी वजह से हुई, जिस वजह से आज भी इस देश में हर साल सैकड़ों लड़कियां अपने मां, बाप, भाई और परिवार वालों के हाथों मार दी जाती हैं। यह हत्‍या इसलिए भी हुई कि जाने कितने मामलों में सगा भाई, चाचा, ताऊ, मामा और यहां तक कि खुदका पिता भी नाबालिग व इन नन्‍ही बच्चियों का शरीरक शोषण कर देता है।

यह हत्‍या इस वजह से भी हुई, जिस वजह से बेटियां अपने ही घरों के आंगन में मारकर गाड़ दी जाती हैं, जिस वजह से बेटियां को जिंदा जलाकर मार डाली जाती हैं, जहर खिलाकर मार डाली जाती हैं। जिंदा पेड़ पर लटकाकर मार डाली जाती हैं, छत से धकेलकर मार डाली जाती हैं, कुएं में डालकर मार डाली जाती हैं, एसिड फेंककर मार डाली जाती हैं। और तो और, लड़की के पैदा होने से पहले पेट में उनसे पूछा जाता है की तुम लड़की हो या लड़का अगर लड़की हुई तो मार डाली जाती हैं।

और जैसा कि, हमारे देश का कानून कहता है, कोर्ट-कचहरी के दस्‍तावेज कहते हैं, हमारे देश का मीडिया कहता है, ऐसी हर हत्‍या के पीछे कोई एक हत्‍यारा जिम्‍मेदार नहीं होता। जबकी पूरा का पूरा देशसमाज और संपूर्ण मर्दवादी संस्‍कृति जिम्‍मेदार होता है। इन हत्‍याओं की जिम्‍मेदार वो बेगैरत दुनिया है, जिन्हें इन मर्दों ने मिलकर आपसी साझेदारी व साठ – गठ से बनाई है। मर्दों की इस दुनिया में महिलों के लिए कोई अब कोई जगह ही नहीं हैं।

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By: KP

Edited  by: KP

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