By Election In 7 States: लोकसभा चुनाव एक महीने पहले ही संपन्न हुए और चुनाव में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले NDA को कड़ी टक्कर दी. हालांकि वह बहुमत से दूर रहा. वही इस चुनाव के बाद एक बार फिर से दोनों ही गठबंधन आमने-सामने होंगे. और 10 जुलाई को पश्चिम बंगाल समेत 7 राज्यों में विधानसभा की 13 सीटों पर उपचुनाव होना है.

जिन राज्यों की विधानसभा सीटों पर ये उपचुनाव होना है उनमें से बिहार की रूपौली, पश्चिम बंगाल की रायगंज, बगदाह, रानाघाट दक्षिण,और मानिकतला, तमिलनाडु की विक्रवंदी, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा, उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर, पंजाब की जालंधर पश्चिम और देहरा और हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर और नालागढ़ सीटें शामिल हैं. वही इन सभी सीटों पर मौजूदा विधायकों की मौत और अलग-अलग दलों से इस्तीफों से खाली हुई सीटों के कारण उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था. और इसके वोटों की गिनती 13 जुलाई को होगी.

पश्चिम बंगाल की सीटों का हाल लोकसभा चुनावों के बाद

बंगाल की रायगंज, रानाघाट दक्षिण और बगदाह की सीटें ऐसी हैं जिनपर बीजेपी विधायक सांसदी का चुनाव लड़ने के लिए सत्ताधारी दल यानी ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए थे और हार गए. और इसके अलावा मानिकतला को कांग्रेस के कब्जे वाली सीट माना जाता रहा लेकिन अब इस पर भी टीएमसी का दबदबा है. टीएमसी नेता साधन पांडे की मौत के बाद से ये सीट फिलहाल खाली है.

उत्तराखंड की सीटों का हाल

वही पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. एक है बद्रीनाथ और दूसरी है मंगलौर. वही पौड़ी गड़वाल लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली बद्रीनाथ सीट उस वक्त खाली हो गई थी जब कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी मार्च के महीने में ही बीजेपी में शामिल हो गए थे. और इस सीट से बीजेपी ने भंडारी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लखपत बुटोला को मैदान में उतारा है.

वहीं, पिछले साल अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण मंगलौर विधान सभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. वही बीजेपी ने मंगलौर सीट से करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है, जिस पर पार्टी उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से कभी नहीं जीत पाई है. कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल इस सीट के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता काजी निजामुद्दीन को उम्मीदवार बनाया है, जहां से वह तीन बार 2002, 2007 और 2017 में जीत चुके हैं.

हिमाचल प्रदेश की सीटों का हाल

हिमाचल प्रदेश में देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर में चुनाव होने हैं. तीनों सीटें तब खाली हुई थीं जब उनके सभी निर्दलीय विधायकों ने इस साल की शुरुआत में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. और इसके बाद तीनों ही निर्दलीय विधायक बीजेपी में शामिल होने के लिए अपनी सीटों से इस्तीफा दे चुके हैं. अब इस उपचुनाव में बीजेपी ने तीनों सीटों पर निर्दलीय विधायकों को फिर से टिकट दिया है.

सभी की निगाहें देहरा पर टिकी हैं. यहां से कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को मैदान में उतारा है तो वहीं, बीजेपी ने निर्दलीय विधायक रहे होथियार सिंह को मैदान में उतारा है.

तमिलनाडु की सीट का हाल

इस साल अप्रैल में डीएमके विधायक एन पुघाजेंथी के निधन के बाद विक्रवंडी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. वही इस सीट पर सत्तारूढ़ डीएमके, एनडीए के घटक दल अंबुमणि रामदास के नेतृत्व वाली पीएमके और नाम तमिलर काची (एनटीके) के बीच अब त्रिकोणीय मुकाबला होगा. और इस बीच, एआईएडीएमके ने विक्रवंडी उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. और वही डीएमके ने उपचुनाव के लिए अन्नियुर शिवा को मैदान में उतारा है, जबकि पीएमके ने पार्टी उपाध्यक्ष सी अंबुमणि को उम्मीदवार बनाया है.

बिहार की सीट का हाल

बिहार की रूपौली सीट पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि जेडी(यू) की मौजूदा विधायक बीमा भारती ने इस्तीफा देकर आरजेडी का दामन थाम लिया था. उन्होंने पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ा और वहा वो हार गईं. वही आरजेडी ने रूपौली से पांच बार विधायक रहीं बीमा भारती को फिर टिकट दिया है, जबकि जेडी(यू) ने कलाधर मंडल को मैदान में उतारा है.

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बीमा भारती ने इस्तीफा देकर आरजेडी का दामन थाम लिया

मध्य प्रदेश की सीट हाल

अमरवाड़ा (एसटी) विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस नेता कमलेश शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होकर इस्तीफा दे दिया था. यह उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, क्योंकि यह सीट छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसे कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ का गढ़ माना जाता है.

पंजाब की सीट का हाल

जालंधर पश्चिम उपचुनाव आप के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है. आम आदमी पार्टी (आप) विधायक शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. वो आप यानी आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. वही इस सीट पर आप ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने शीतल अंगुराल को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, लोकसभा की 13 में से सात सीटें जीतने से उत्साहित कांग्रेस ने पांच बार की पार्षद सुरिंदर कौर को मैदान में उतारा है.

इस उपचुनाव को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी पूरा दम लगाती दिख रही है. खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने प्रत्याशी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं और जालंधर में डेरा डाले हुए हैं और किराए पर घर भी ले रखा है. आप अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही.

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पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान

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