उत्तर प्रदेश से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। श्रद्धा और भक्ति के नाम पर हो रही ‘कांवड़ यात्रा’ में कुछ असामाजिक तत्वों ने सारी मर्यादाएं लांघ दीं। घटना शनिवार, 19 जुलाई को मिर्जापुर रेलवे स्टेशन की है.जहां ड्यूटी पर तैनात एक CRPF जवान को कांवड़ियों ने सरेआम जमीन पर पटक कर लात-घूंसों से पीटा।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जवान अकेले हैं और कई कांवड़िए उन पर टूट पड़े हैं। सैकड़ों की भीड़ तमाशबीन बनी रही, किसी ने जवान को बचाने की कोशिश नहीं की।
हिम्मत देखिए इनकी,
यह अब वर्दी में एक CISF जवान को पीट रहे हैं, यह बेलगाम मनबढ़ई सत्ता के संरक्षण का नतीजा है!
यह भोले के भक्त हो ही नहीं सकते
इसकी भी तारीफ़ करेंगे भाजपाई?📍मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/rc4gWFD5e0
— Alok Sharma (@Aloksharmaaicc) July 19, 2025
क्या हुआ था? पूरी घटना की कहानी:
बताया जा रहा है कि CRPF जवान छुट्टी पर घर जा रहे थे।विवाद का कारण स्पष्ट नहीं है। टिकट लेने और गांजा मांगने को लेकर विवाद होने की चर्चा स्टेशन पर है। आरपीएफ प्रभारी चमन सिंह तोमर ने बताया कि सीआरपीएफ जवान से कांवड़ियों ने विवाद किया। सात कांवड़ियों को पकड़ा गया। इसमें चार नाबालिग हैं। सभी आरोपी शहर कोतवाली क्षेत्र के हैं। बालिग आरोपी सत्यम, अभिषेक साहू निवासी फतहां कोतवाली शहर और अभय तिवारी कजरहवा पोखरा निवासी है। जिनका चालान किया गया । स्टेशन में टिकट को लेकर किसी बात पर उनकी कुछ कांवड़ियों से मामूली कहासुनी हो गई। लेकिन मामला इतना बिगड़ा कि कांवड़ियों ने उन्हें पकड़कर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। किसी ने उनकी वर्दी तक की परवाह नहीं की। सूत्रों के मुताबिक, जवान ने कांवड़ियों के टिकट और लाउड म्यूजिक और ट्रैफिक जाम को लेकर कुछ कह दिया था, जिस पर भक्ति के नाम पर बौराए युवकों ने उन्हें सज़ा देने का ठेका ले लिया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 7 कांवड़ियों को किया गिरफ्तार, पर सवाल बाकी हैं
पुलिस ने घटना के बाद 7 कांवड़ियों को हिरासत में लिया है, और FIR दर्ज की गई है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ हिरासत से बात खत्म हो जाएगी? एक सशस्त्र बल के जवान पर हमला देश की सुरक्षा और गरिमा पर सीधा हमला है। अगर इसी तरह भीड़ का फैसला कानून से ऊपर होता जाएगा, तो आम आदमी और सुरक्षा बल – दोनों ही सुरक्षित नहीं बचेंगे।
श्रद्धा या गुंडागर्दी?
कांवड़ यात्रा हिन्दू आस्था और शिवभक्ति का पर्व है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस यात्रा में उन्मादी और हिंसक प्रवृत्ति का बोलबाला देखने को मिला है। लाउड DJ, सड़क पर स्टंट, ट्रैफिक बाधा, और अब जवान की पिटाई – ये क्या भक्ति है?
क्या अब शिवभक्ति का अर्थ है कि जो मन में आए वो कर लो?
CRPF जवान की हालत कैसी है?
जवान को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर है लेकिन मानसिक रूप से वे बेहद आहत हैं। “मैंने देश की सेवा में गोली खाई है, पर अपनों के बीच इस तरह पिटूंगा, कभी सोचा नहीं था,” जवान के इन शब्दों ने पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया।
नेताओं की चुप्पी और समाज की जिम्मेदारी
घटना पर अभी तक किसी बड़े नेता या प्रशासनिक अधिकारी की कड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई है। सोशल मीडिया पर जरूर लोग गुस्से में हैं और सवाल उठा रहे हैं –
क्या अब वर्दी भी सुरक्षित नहीं रही? क्या कांवड़ यात्रा सुधार की मांग नहीं करती?
यह घटना सिर्फ एक जवान की पिटाई नहीं है, यह हमारी सामाजिक संवेदनाओं की हार है।
कोई भी भक्ति में उन्माद नहीं होना चाहिए, और कानून से बड़ा कोई नहीं।
अगर हम अपने सुरक्षा बलों का सम्मान नहीं कर सकते, तो क्या हम सुरक्षित समाज की कल्पना कर सकते हैं?
आपका क्या कहना है इस घटना पर? कमेंट में ज़रूर बताएं और ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज़ उठाएं।