AVN News Desk New Delhi: कांग्रेस पार्टी के राजगढ़ लोकसभा से उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने स्ट्रांग रूम के निरीक्षण में पाया कि सिर्फ़ राजगढ़ में उपयोग हुए SLU (सिम्बल लोडिंग यूनिट) स्ट्रांग रूम से ग़ायब हैं, जांच में सामने आया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा राजगढ़ के इन यूनिट्स को कहीं और भेजा गया है।
राजगढ़ स्ट्रांगरूम में सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) के गायब होने को लेकर कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि परिणाम से पहले बीजेपी घबरा गई है।
मध्यप्रदेश में लोकसभा का चुनाव 2024 के चार चरणों के मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब स्ट्रांग रूम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कांग्रेस पार्टी नेता एवं राजगढ़ प्रत्याशी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। उन्होंने सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। और मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की याचिका पर सुनवाई कल हो सकती है।
कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने लगाया यह आरोप
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का आरोप यह है कि राजगढ़ प्रशासन ने SLU वापस चुनाव आयोग को सौंपे है। गुना में SLU स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी हुई है लेकिन राजगढ़ में नहीं। एक मई को चुनाव आयोग ने सर्कुलर जारी कर सभी राज्यों को निर्देश दिए थे। जिसमें कहा गया था कि SLU को चुनाव याचिकाओं के मद्देनजर 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाए।
कांग्रेस पार्टी का आरोप इन यूनिट्स को कहीं और भेजा
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के राजगढ़ लोकसभा से प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने स्ट्रांग रूम के निरीक्षण में पाया है कि सिर्फ़ राजगढ़ में ही उपयोग हुए SLU (सिम्बल लोडिंग यूनिट) स्ट्रांग रूम से ग़ायब हैं, और जांच में सामने आया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा राजगढ़ के इन यूनिट्स को कहीं और भेजा गया है। और पड़ोसी लोकसभा गुना में ये यूनिट स्ट्रांग रूम में ही हैं इस गंभीर मामले पर आपत्ति लेते हुए दिग्विजय सिंह जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। और उनका आरोप है कि जब न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि इन यूनिट्स को लोकसभा के स्ट्रांग रूम में ही अगले 45 दिनों तक संरक्षित रखना है तब राजगढ़ के ही इन यूनिट्स को ही निर्वाचन आयोग ने कहीं और क्यों भेजा है। ये पूरी कार्यवाही किसके इशारे पर की जा रही है। इसकी जांच की जानी चाहिए और जिन अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की है, उन सभी दोषी अधिकारियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई सुनिश्चित हो।