गिद्धौर/जमुई : वन पर्यावरण एवं नदी संरक्षण समिति के बैनर तले गुरुवार को किसानों द्वारा बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमुई आगमन पर अपनी मांगों को लेकर पहुंचने की बात पर सहमति बनी। बैठक का आयोजन गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत मौरा गांव में किया गया। जहां दर्जनों किसान अपनी मांग पत्र के साथ प्रधानमंत्री के सभा स्थल पर पहुंचने की बात पर सहमत हुए। किसानों ने कई मांगों के साथ प्रधानमंत्री से गुहार लगाने की बात कही। किसानों ने जमुई जिले में हो रहे नियम के विपरीत बालू खनन को बंद करने, जमुई जिले के सभी बालू घाटों पर मशीन के उपयोग पर रोक लगा कर मानव बल से खनन करवाने, बालू उत्खनन के लिए विभागीय दिशा निर्देश के पालन करने तथा बालू घाट का मानक के विपरीत हुए खनन का उच्चस्तरीय जांच करने की बात कही।

वन पर्यावरण एवं नदी संरक्षण समिति जमुई पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग

वहीं इस दौरान वन पर्यावरण एवं नदी संरक्षण समिति जमुई के सदस्य कुणाल सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मौरा बालू घाट पर पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग की। उन्होंने नदियों में मेटल मोरम डालकर सड़क बनाने और ओवरलोडेड ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाने की बात पर जोर दिया। वहीं गिद्धौर प्रखंड के पूर्व प्रमुख श्रवण कुमार यादव द्वारा जमुई जिले के अमृत सभी सिंचाई पईन को पुनः जीवित कर पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था को नियमित संचालित करने की बात कही गई। बालू उठाव के बाद बने गड्ढों में में डूब कर मरने वालों पर सरकार के द्वारा उचित मुआवजा देने की मांग मौरा गांव के किसान अशोक सिंह ने रखी। मौके पर किसान अनिल रावत ने प्राकृतिक संसाधन के बचाव हेतु नदी स्वास्थ्य रिपोर्ट, प्राकृतिक संसाधन का सर्वेक्षण, जलापूर्ति हेतु जल स्तर का जांच रिपोर्ट आदि नियमित रूप से स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करने की बात पर जोर दिया। बैठक में मौजूद सभी किसानों ने जमुई जिले में हो रहे नियम विपरीत बालू खनन पर रोक लगाने को लेकर प्रधानमंत्री को अवगत कराने के लिए एक मांग पत्र सौंपने की बात कही। उक्त बैठक में किसान अंतर्यामी झा, गिरीश झा, अशोक सिंह, ब्रह्मदेव झा, अनिल कुमार रावत, बुच्चू यादव, बिनोद रावत, राजीव शर्मा, अपिल राम, पंकज झा सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

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