दिल्ली में डीटीसी बस चालकों की मनमानी से यात्रियों को हो रही है भारी परेशानी, जवाब दो दिल्ली सरकार..
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसें आम जनता के लिए जीवन रेखा की तरह हैं। रोज़ाना लाखों यात्री अपने काम, स्कूल, कॉलेज या अन्य स्थानों तक पहुँचने के लिए डीटीसी बसों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन हाल के दिनों में यात्रियों के बीच एक आम शिकायत तेजी से सामने आ रही है — बस चालकों की मनमानी और बस न रोकने की समस्या।
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बस न रोकने की शिकायतें बढ़ीं
कई यात्रियों का कहना है कि डीटीसी और क्लस्टर बसों के चालक अक्सर स्टॉप पर यात्रियों को देखकर भी बस नहीं रोकते। कभी-कभी वे दूर से ही हाथ हिलाकर आगे निकल जाते हैं। इससे यात्रियों को अगली बस के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है, खासकर पीक ऑवर (सुबह और शाम) में यह परेशानी और बढ़ जाती है।
एक रोज़ाना बस से ऑफिस जाने वाले यात्री “नंदन कुमार” बताते हैं,
“कई बार ड्राइवर बस स्टॉप पर खड़े लोगों को देखकर भी नहीं रुकते। या फिर बस बहुत दूर रोक देते हैं जिससे बुजुर्ग या महिलाएँ चढ़ नहीं पातीं।”
बस चालकों का तर्क
कुछ ड्राइवरों का कहना है कि सड़क पर पहले से कई बसें खड़ी होती हैं, जगह नहीं मिलती, इसलिए उन्हें आगे बढ़ना पड़ता है। वहीं कुछ चालक यह भी मानते हैं कि समय पर गंतव्य तक पहुँचने के दबाव के कारण वे हर स्टॉप पर नहीं रुक सकते।
एक डीटीसी चालक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया,
“अक्सर ट्रैफिक बहुत होता है, हर स्टॉप पर रुकना मुश्किल हो जाता है। फिर भी हम कोशिश करते हैं कि ज़्यादातर यात्रियों को चढ़ने का मौका मिले।”
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लेकिन नुकसान यात्रियों का
इस मनमानी का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता है। कई बार महिलाएँ, बुजुर्ग और छात्र-छात्राएँ बस के पीछे दौड़ते नज़र आते हैं। कुछ यात्री मजबूरी में ऑटो या कैब का सहारा लेते हैं, जिससे उनका दैनिक खर्च बढ़ जाता है।
साथ ही, भीड़भाड़ के कारण जो बसें रुकती हैं, उनमें ठूस-ठूसकर चढ़ना पड़ता है, जिससे सुरक्षा और सुविधा दोनों प्रभावित होती हैं।
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परिवहन विभाग और डीटीसी प्रशासन की भूमिका
दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार, बस न रोकने या यात्रियों से अभद्र व्यवहार की शिकायत मिलने पर चालक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए DTC की हेल्पलाइन (155345) और Delhi Transport App के ज़रिए शिकायत दर्ज की जा सकती है।
हालाँकि, यात्रियों का कहना है कि शिकायत दर्ज करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिखती।

यात्रियों की माँग
- बस चालकों पर सख्त निगरानी रखी जाए।
- हर स्टॉप पर सीसीटीवी कैमरा या बस ट्रैकिंग सिस्टम को और बेहतर बनाया जाए।
- जो ड्राइवर नियम तोड़ते हैं, उन पर जुर्माना या निलंबन जैसी कार्रवाई की जाए।
- यात्रियों के लिए शिकायत प्रक्रिया को और आसान बनाया जाए।
निष्कर्ष
दिल्ली जैसे महानगर में सार्वजनिक परिवहन की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि चालकों की भी है। बस चालकों को समझना चाहिए कि हर यात्री उनके भरोसे है। समय की पाबंदी ज़रूरी है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा उससे कहीं ज़्यादा अहम है।
यदि डीटीसी प्रशासन इस समस्या पर सख्ती से ध्यान दे और चालकों को बेहतर प्रशिक्षण व निगरानी में रखे, तो यात्रियों की यह परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है।
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