दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आ चुके हैं और इस बार की चुनावी दंगल में राष्ट्रीय राजधानी की सियासी तस्वीर पूरी तरह से बदल दी है. आम आदमी पार्टी (AAP), जो लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का सपना देख रही थी, उसे अब करारी हार का सामना करना पड़ा. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 सालों का सूखा को खत्म करने के बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया है. दूसरी ओर, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर सिमट गई, जिससे यह साफ हो गया है कि दिल्ली में उसका पुनरुद्धार अब भी दूर की कौड़ी है. अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता में बहुत गिरावट, कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने से वोटों का बंटवारा और बीजेपी की आक्रामक चुनावी रणनीति ने AAP की हार की पटकथा लिख दी गई थी.
दिल्ली के नतीजे आने के बाद से एक बड़ा सवाल जरूर उठ खड़ा हुआ है. वो है कि क्या आम आदमी पार्टी (AAP) को और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहिए था? अगर चुनाव में हाथ का साथ मिलता तो दिल्ली में झाड़ू कितनी चलती और क्या दोनों के साथ चुनाव लड़ने से मौजूदा चुनावी समीकरण को बदल सकते थे? दरअसल, लोकसभा में भाजपा (BJP) को हराने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने महागठबंधन INDIA का गठन किया था. इसमें कांग्रेस और AAP भी शामिल रहे है. लेकिन विधानसभा चुनाव आते-आते दोनों ही दल अलग-अलग मैदान में उतर गए है. पहले हरियाणा तो अब दिल्ली में दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसका सीधा फायदा भाजपा को हुआ है. नतीजन दोनों ही जगह भाजपा की सरकार बन गई. हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस के वोट काटे तो अब दिल्ली में इसका उलट देखने को मिला है.
कांग्रेस पार्टी के चलते केजरीवाल, सिसोदिया जैसे AAP के बड़े चेहरों की हार
इस चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ, जबकि AAP को कई सीटों पर कुछ हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस का प्रदर्शन भले ही बहुत कमजोर ही रहा, लेकिन कई सीटों पर उसके वोट AAP के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते थे. खुद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बीजेपी के प्रवेश वर्मा से महज 4,089 वोटों के अंतर से हार गए है. इसी तरह मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज जैसे AAP के बड़े नेता बहुत ही कम अंतर से सीट हार गए. और इन सीटों पर इस अंतर से अधिक वोट कांग्रेस उम्मीदवारों के पाले में गए है. यानी यह साफ है कि कांग्रेस से गठबंधन न होना AAP के लिए बहुत बड़ा नुकसान साबित हुआ है.
14 सीट पर कांग्रेस पार्टी के वोट काटने से हारे AAP उम्मीदवार
AAP ने 70 में से 22 सीटें जीतीं, लेकिन इनमें से कई पर उसका वोट शेयर घटा है. कांग्रेस ने कोई भी सीट नहीं जीती, लेकिन कई सीटों पर 5-15% तक वोट हासिल किए हैं. बीजेपी ने कई ऐसी सीटें जीतीं, जहां AAP और कांग्रेस के वोट बंटने से उसे बहुत फायदा हुआ. अगर AAP और कांग्रेस का गठबंधन होता, तो बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती हो सकती थी. कारण, दिल्ली की 14 ऐसी सीटें हैं, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की हार सिर्फ कांग्रेस के वोट काटने के चलते ही हुई है. यानी इन सीटों पर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है.
‘झाड़ू’ के साथ ‘हाथ’ होता तो इन सीटों पर स्थिति बिलकुल अलग हो सकती थी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सबसे हॉट सीट रही नई दिल्ली के नतीजे भी बहुत चौंकाने वाले रहे. यहां से परवेश साहिब सिंह (BJP) ने 30,088 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 4089 वोटों से हार गए. केजरीवाल को 25,999 वोट मिले थे.वहीं कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4,568 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

ग्रेटर कैलाश: तीन बार के विधायक सौरभ भारद्वाज को भी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें भाजपा की शिखा रॉय ने 3188 वोटों के अंतर से हराया. भाजपा कैंडिडेट को 49594 वोट मिले. AAP के सौरभ भारद्वाज को 46406 वोट मिले है. कांग्रेस प्रत्याशी गर्वित सिंघवी 6711 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे है.
जंगपुरा: भाजपा उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने 38,859 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी मनीष सिसोदिया कड़े मुकाबले में 38,184 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे है. सिसोदिया महज 675 वोटों से हार गए हैं. वहीं, कांग्रेस (INC) के उम्मीदवार फरहद सूरी को 7,350 वोट मिले है.

राजेंद्र नगर: भाजपा उम्मीदवार उमंग बजाज ने 46,671 वोट के साथ जीत दर्ज की है. वहीं आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक महज 1231 वोटों के अंतर से हार गए है. उन्हें 45,440 वोट मिले, जबकि इस सीट पर कांग्रेस के विनीत यादव 4,015 को वोट मिले है.
मादीपुर: भाजपा के कैलाश गंगवाल ने 52,019 वोट के साथ जीत हासिल की है. वही आम आदमी पार्टी (AAP) की राखी बिड़ला 41,120 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं है, जबकि कांग्रेस (INC) के जय प्रकाश पंवार को 17,958 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे है. भाजपा ने AAP को 10,899 वोटों के अंतर से हराया है.
मालवीय नगर: सतीश उपाध्याय (BJP) ने 39,564 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी (AAP) के सोमनाथ भारती 37,433 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे है. सतीश उपाध्याय ने सोमनाथ भारती को 2,131 वोटों के करीबी अंतर से हराया है. इस सीट पर कांग्रेस के जीतेन्द्र कुमार कोचर 6,770 वोट मिले है.
बादली सीट: भाजपा के उम्मीदवार अहीर दीपक चौधरी को 61,192 वोट मिले है. AAP उम्मीदवार अजेश यादव को 46,029 वोट मिले है. भाजपा और AAP उम्मीदवार में जीत का अंतर 15 हजार वोट के करीब है. जबकि यहां से कांग्रेस के देवेंद्र यादव को 41,071 वोट मिले है.
छतरपुर: भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह तंवर को 80,469 वोट मिले है. AAP के ब्रह्म सिंह तंवर को 74,230 वोट मिले है. दोनों में जीत का अंतर 6239 वोटों का रहा है. यहां कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह तंवर को 6,601 वोट मिले है.
कस्तूरबा नगर: भाजपा के नीरज बसोया को 38,067 वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त 27,019 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के रमेश पहलवान को 18,617 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे है. यहां बीजेपी 11,048 वोटों के अंतर से जीती हैं.
महरौली: इस सीट पर भाजपा के गजेन्द्र सिंह यादव ने 48,349 वोटों के साथ जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी के महेंद्र चौधरी 46,567 वोट मिले है. दोनों में जीत का अंतर महज 1782 वोट रहा है. जबकि यहां कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पा सिंह को कुल 9338 वोट मिले है.
नांगलोई जाट: मनोज कुमार शौकीन (BJP) ने 75,272 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी (AAP) के रघुविंदर शौकीन 49,021 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे है. दोनों में कुल 26,251 वोटों के अंतर रहा है. जबकि यहां से कांग्रेस (INC) के रोहित चौधरी को 32,028 वोट मिले हैं.
संगम विहार: चंदन कुमार चौधरी (BJP) ने 54,049 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी (AAP) के दिनेश मोहनिया 53,705 को वोट मिले है और वह 344 वोटों के मामूली सी अंतर से हार गए हैं. कांग्रेस (INC) के हर्ष चौधरी को यहां से 15,863 वोट मिले है.
तिमारपुर: भाजपा के सूर्य प्रकाश खत्री को 55,941 वोट मिले और उन्होंने जीत दर्ज की है. वहीं AAP के सुरिंदर पाल सिंह (बिट्टू) 1168 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए है. उन्हें 54,773 वोट मिले, जबकि कांग्रेस (INC) के लोकेंद्र कल्याण सिंह को 8,361 वोट मिले है.
त्रिलोकपुरी: चुनाव में रवि कांत (BJP) ने 58,217 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी (AAP) की अंजना परचा 57,825 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं है, जबकि कांग्रेस (INC) के अमरदीप 6,147 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे है. रवि कांत ने अंजना परचा को 392 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक पर भी लगी सेंध
दिल्ली के इस चुनाव में AAP को सबसे ज्यादा नुकसान दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर हुआ है, क्योंकि इन सभी इलाकों में कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक भी मौजूद था. वहीं AAP को दिल्ली की 12 अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित सीटों में से 4 पर हार का सामना करना पड़ा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने AAP के वोट बैंक में सेंध लगा दी है. इसके साथ ही मुस्लिम बहुल सीटों पर भी AAP को बहुत बड़ा झटका लगा है. कारण, दिल्ली की 7 मुस्लिम बहुल सीटों में से भले ही AAP ने 6 सीटें जीती हों, लेकिन उसका वोट शेयर काफी गिरा है. इतना ही नहीं, पार्टियों में आपसी फूट के चलते भाजपा के हिंदू उम्मीदवार ने दिल्ली में मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद में बड़े अंतर से चुनाव जीता है.