AVN News Desk New Delhi : पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में एकला चलो रे का नारा दे चुकी हैं, लेकिन अभी कांग्रेस पार्टी के साथ I.N.D.I गठबंधन के बैनर तले तालमेल के रास्ते बंद नहीं हुए हैं। यह रास्ता कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आसान बना सकती हैं। 24, अकबर रोड के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि जल्द ही सोनिया गांधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कुशलक्षेम पूछ सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक बड़े नेता ने भी कहा कि इंडिया गठबंधन सबके हित में है। लेकिन फैसला मुख्यमंत्री और पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी को लेना है। हो जाए तो अच्छा है।

ममता बनर्जी की एक बड़ी शिकायत कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी से है। चौधरी तो कहते हैं कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल से तालमेल हुआ, तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ जाएंगे। अधीर रंजन चौधरी के जहरबुझे तीरों को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी कांग्रेस के नेताओं को ताकीद कर चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही इस तरह के तमाम गतिरोधों को दूर करने का रास्ता तलासेगी ।

पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने मांगा असम और मेघालय

ममता बनर्जी के निर्देश पर ही राज्यसभा सदस्य डीरेक ओ ब्रायन हाल में ही मेघालय और गोवाहाटी गए थे। तृणमूल कांग्रेस पार्टी असम के करीमगंज और कोकराझार लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है। इसके अलावा मुकुल संगमा के लिए मेघालय में लोकसभा की एक सीट से प्रत्याशी उतारने की मंशा है। तृणमूल के सूत्र बताते हैं कि ममता बनर्जी ने पहले कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में 5 सीटों पर लोकसभा प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया था। वह असम में दो और मेघालय में एक सीट कांग्रेस से भी चाहती थीं। असम में एक बराक घाटी से और एक अपर असम में। ममता बनर्जी इसमें से एक सीट पर सुष्मिता देव को प्रत्याशी बनाना चाहती थीं। लेकिन बात न बनने पर सुष्मिता को राज्यसभा भेज दिया है। इन दोनों सीटों पर बंगाली संख्या ठीक-ठीक है। जबकि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक थी। असम और मेघालय पर पत्ते बाद में खोलने की योजना थी। बताते हैं ममता बनर्जी को कांग्रेस के साथ तालमेल की बातचीत में माध्यम से चर्चा पर भी थोड़ा एतराज था। लेकिन समाजवादी पार्टी से गठबंधन, आम आदमी पार्टी के साथ तालमेल के अंतिम मोड़ पर पहुंचने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी सब साधने की योजना है।

इंडिया गठबंधन से एक संदेश जाएगा कि, पक्ष में हवा बनेगी ही

कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व महासचिव ने कहा कि यह ठीक नहीं होगा कि कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल में तृणमूल से सहयोग नहीं चाहती। तृणमूल कांग्रेस विपक्षी गठबंधन की रूपरेखा में शामिल रहा है। तालमेल को लेकर बातचीत भी हुई है। लेकिन हमें सीटें कम मिल रही थीं। सूत्र का कहना है कि अभी दरवाजे बंद होने की बात करना जल्दबाजी होगी। तृणमूल सांसद का भी कहना है कि I.N.D.I गठबंधन से एक सकारात्मक संदेश जाएगा। इससे चुनाव का माहौल बनेगा। जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल की खबर आने के बाद माहौल बदला है। सूत्र का कहना है कि इंडिया गठबंधन के दल मिलकर लड़ेंगे, तो सत्ता पक्ष को न केवल मजबूत चुनौती दी जा सकती है, बल्कि उसे सत्ता से हटाने की पूरी संभावना बनेगी। तृणमूल के नेता का दावा है कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ती है, तो वह केवल अधीर रंजन चौधरी की ही सीट जीत सकती है। इसलिए जरूरत दोनों की है।

क्या असम में कांग्रेस तृणमूल के लिए छोड़ सकती है एक सीट?

कांग्रेस पार्टी के सांसद गौरव गगोई 2024 में नौगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं से समग्र बातचीत के बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता से अंतिम बातचीत की पहल कर सकता है। सबकुछ ठीक रहा तो तृममूल कांग्रेस को असम में एक सीट देने पर कांग्रेस सहमत हो सकती है। मेघालय में केवल दो लोकसभा सीटें ही हैं। इसलिए मेघालय में तृणमूल के साथ साझेदारी की संभावना न के बराबर है।

पश्चिम बंगाल
कांग्रेस सासंद गौरव गगोई

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