AVN News Desk New Delhi: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी किसान सम्मान सम्मेलन में भाग लेंगे। इसी दौरान, 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को सम्मान निधि की 17वीं किस्त के रूप में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करेंगे। सम्मेलन के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सहायता समूहों की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी प्रमाणपत्र भी प्रदान करेंगे।
सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम सात बजे दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भाग लेंगे। रात आठ बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना व दर्शन करेंगे। 19 जून को सुबह 9:45 बजे बिहार में नालंदा के भग्नावशेष का दौरा करेंगे। सुबह 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का उद्घाटन भी करेंगे। विश्वविद्यालय की परिकल्पना भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) देशों के बीच संयुक्त सहयोग के रूप में की गई है। समारोह में 17 देशों के मिशन प्रमुखों सहित कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल होंगे। और नालंदा के नए परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं। इनमें 1,900 लोग बैठ सकते हैं। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार भी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांचवीं बार देखेंगे गंगा आरती, करेंगे गंगा पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती में पांचवीं बार शामिल होंगे। वह यहां 55 मिनट तक रुकेंगे। वह 15 मिनट तक गंगा पूजन और मोदी मणि पर विराजेंगे। वहीं, 40 मिनट तक आरती देखेंगे। प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमौलि उपाध्याय और नौ अर्चक पूजा करवाएंगे। 18 कन्याएं ऋद्धि-सिद्धि के रूप में मौजूद होंगी। इस दौरान 10 क्विंटल फूलों से घाट को सजाया जाएगा। दीपों से घाट जगमग होगा।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांचवीं बार आरती में शामिल होंगे। गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री का सम्मान किया जाएगा। आगे बताया है कि उन्हें रुद्राक्ष का माला, प्रसाद के रूप में लाल पेड़ा दिया जाएगा। प्रतीक चिह्न में मां गंगा, आरती का प्रतीक फोटो और प्रधानमंत्री का चित्र होगा।
उत्तराखंड और कोलकाता से मंगाए फूल
दशाश्वमेधघाट के आरती स्थल को रजनीगंधा, सूरजमुखी, बेला और गेंदा की फूलों की माला से सजाया जाएगा। सुशांत मिश्रा ने आगे बताया है कि फूल उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के कोलकाता से मंगाए गए हैं।