Chunav Aayog : चुनावी प्रक्रिया को बगैर समझे मतदान प्रतिशत पर संदेह करना गलत, चुनाव आयोग ने विपक्ष पार्टी के सवालों का दिया जवाब
चुनाव आयोग ने कहा:, कि वैसे भी चुनाव खत्म होने के बाद सभी बूथों पर मौजूदा राजनीतिक दलों व पार्टी के एजेंटों को फार्म-17सी मुहैया कराया जाता है, जिसमें उस बूथ पर कितने वोट पड़े है उसका पूरा ब्योरा मौजूद रहता है। जिन्हें या पार्टी को मतदान प्रतिशत में गड़बड़ी का संदेह है या होता है वे फार्म-17सी से मिलान कर सकते हैं। हालांकि चुनाव आयोग इससे पहले भी इसको लेकर जवाब दे चुका है।
Chunav Aayog: लोकसभा चुनाव 2024 के समय से मतदान प्रतिशत को लेकर मोर्चा खोले विपक्ष पार्टियों को चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत जुटाने का न सिर्फ पूरा गणित समझाया है बल्कि बगैर समझे चुनावी प्रक्रिया पर संदेह करने को गलत बताया है।
चुनाव आयोग ने कहा:, कि वैसे भी चुनाव खत्म होने के बाद सभी बूथों पर मौजूदा राजनीतिक दलों व पार्टी के एजेंटों को फार्म-17सी मुहैया कराया जाता है, जिसमें उस बूथ पर कितने वोट पड़े है उसका पूरा ब्योरा मौजूद रहता है। जिन्हें मतदान प्रतिशत में गड़बड़ी का संदेह है, वे फार्म-17सी से मिलान कर सकते हैं।
विपक्ष पार्टी के सवालों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब
चुनाव आयोग ने कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों व पार्टियों को यह जवाब लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी दिया था, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के दौरान विपक्ष दलों ने जब इस मुद्दे को दुबारा फिर से तूल दिया तो चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसे लेकर न सिर्फ लिखित में जवाब दिया है, बल्कि चुनाव आयोग ने पूछे जाने वाले सभी प्रश्नों की सूची में भी इससे संबंधित सवाल-जवाबों को शामिल किया है।
चुनाव आयोग ने जवाब दिया है:, चुनाव आयोग ने कहा कि प्रत्येक बूथ पर हुए मतदान का ब्योरा जब तक फार्म-17सी से मिलानकर दर्ज नहीं हो जाता, तब तक मतदान प्रतिशत के अनुमानित आंकड़े ही दिए जाते हैं। इन्हें दर्ज करने का काम अमूमन मतदान के अगले दिन सुबह तक चलता है। ऐसे में अंतिम आंकड़े अगले दिन ही आते हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, वैसे भी मतदान के दिन मतदान अधिकारियों की ओर से जो आंकड़े दिए जाते हैं, वे थोड़े कम करके ही बताए जाते हैं, ताकि गणना में किसी तरह की गड़बड़ी हो तो उसे सुधारा जा सके। मतदान के चार दिन बाद मतदान प्रतिशत में होने वाले बदलाव के आरोपों को भी आयोग ने स्पष्ट किया और कहा कि पुनर्मतदान की स्थिति में मतदान के अंतिम आंकड़े चार दिन बाद जारी होते हैं।
ये भी पढ़ें : 1 जनवरी 2025 से इन Android Phone पर WhatsApp चलना बन्द हो जाएगा.
EVM में अधिक वोट मिलने को लेकर भी साफ की स्थिति
चुनाव आयोग ने इस दौरान कुछ जगहों पर बूथ पर कुल हुए मतदान से अधिक वोट ईवीएम (EVM) में मतगणना के दौरान पाए जाने के मामले भी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वैसे तो ऐसा नहीं होता है। लेकिन कुछ जगह पर जब मतदान शुरू होने से पहले कराए जाने वाले मोक पोल को रद नहीं दिया जाता है, तो मोक पोल के दौरान डाले गए वोट ईवीएम में कुल हुए मतदान में अधिक दिखने लगते हैं। हालांकि जैसे ही बात संज्ञान में आती है तो तुरंत वीवीपैट (VV Pat) पर्चियों से मिलानकर रद कर दिया जाता है।
ये भी पढ़ें : सर्दियों में क्यों बढ़ता है “हार्ट अटैक” का खतरा, ऐसे रखें अपना ख्याल
Note :-
Disclaimer :- यह आर्टिकल व लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। “चुनावी प्रक्रिया को बगैर समझे मतदान प्रतिशत पर संदेह करना गलत” यह आर्टिकल व लेख या प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
सुझाव/ अस्वीकरण:- || मुझे उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल, लेख “चुनावी प्रक्रिया को बगैर समझे मतदान प्रतिशत पर संदेह करना गलत” जरुर पसंद आई होगी। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की रीडर को स्वास्थ्य (Health) के विषय में पूरी सही जानकारी प्रदान की जाये।
!!अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे आपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। इस आलेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद। avnnews.in में दोबारा विजिट करते रहें…..!!
By: KP
Edited by: KP