संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले आज (20 जुलाई) सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार सभी राजनीतिक दलों से संसद के दोनों सदनों के सुचारु संचालन के लिए सहयोग मांगेगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार संसद में उठाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया है कि इस सत्र के दौरान कई अहम विधेयकों पर चर्चा और पारित किए जाने की संभावना है। वही बैठक सुबह 11:00 बजे संसद भवन एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में आयोजित की जाएगी। मानसून का यह सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। गौरतलब यह है कि 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है।
इस पारंपरिक सत्र-पूर्व बैठक का उद्देश्य आगामी सत्र के दौरान दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, के सुचारू और उत्पादक संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है। संसद में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सदन नेताओं को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बातचीत के दौरान, केंद्र सरकार द्वारा अपना विधायी एजेंडा प्रस्तुत करने और सत्र में चर्चा किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी।
इससे पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री रिजिजू ने कहा है कि सरकार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामलों और लंबित विधेयकों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, संसद शुरू होने वाली है। संसद में जो भी मुद्दा आएगा, हम उसे सुनेंगे। कल खरगे जी और राहुल जी के साथ मेरी बहुत अच्छी बैठक हुई। मैं अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नियमित बैठकें करता रहता हूं। एक संसदीय मंत्री होने के नाते, सभी के साथ समन्वय बनाए रखना मेरी जिम्मेदारी है।

संसद के आगामी मानसून सत्र में आठ नये विधेयक पेश करेगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार सोमवार (21 जुलाई 2025) से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कुल आठ नये विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है जिनमें भू-विरासत स्थलों और भू-अवशेषों के संरक्षण और सुरक्षा से संबंधित एक विधेयक भी शामिल है। मानसून सत्र के लिए प्रस्तावित विधेयकों में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक शामिल है।