All About Gandhi Ji : महात्मा गांधी को पूरी दुनिया में “महान गांधी जी” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया और हमेशा सत्य व अहिंसा के रास्ते पर डटे रहे। भारत को अंग्रेज़ों की गुलामी से मुक्त कराने में उनका योगदान सबसे बड़ा था। उनके जीवन और विचार आज भी इंसानियत, शांति और न्याय के लिए एक मशाल की तरह जगमगा रहे हैं।
महात्मा गांधी जयंती
1. सत्याग्रह का मार्ग
गांधीजी ने “सत्याग्रह” को दुनिया तक पहुंचाया, जिसका अर्थ है – सत्य पर डटे रहना और अन्याय के खिलाफ बिना हिंसा संघर्ष करना। यह उनका सबसे बड़ा हथियार था।
2. धार्मिक प्रभाव
गांधीजी जैन धर्म, हिंदू धर्म और अन्य विचारों से प्रभावित हुए। उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और हर जीव के प्रति करुणा व अहिंसा का भाव अपनाया।
3. लंदन में पढ़ाई
उन्होंने लंदन जाकर कानून की पढ़ाई की और 22 वर्ष की आयु में वकील बने। बाद में न्याय और अधिकारों की लड़ाई को ही अपना जीवन-धर्म बनाया।
4. दक्षिण अफ्रीका का अनुभव
गांधीजी 21 साल दक्षिण अफ्रीका में रहे। वहाँ उन्हें नस्लभेद और अपमान सहना पड़ा। इन्हीं अनुभवों से उन्होंने अन्याय के खिलाफ अहिंसक संघर्ष का मार्ग खोजा।
5. ब्रिटिशों का साथ भी दिया
बोअर युद्ध और जुलू विद्रोह के समय गांधीजी ने ब्रिटिशों का सहयोग किया। उन्हें विश्वास था कि भारतीयों को बदले में बराबरी के अधिकार मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
6. भारत में नेतृत्व
1915 में भारत लौटकर उन्होंने किसानों, मजदूरों और आम जनता को संगठित किया। उन्होंने करों का विरोध किया और रोलेट एक्ट जैसी कड़ी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाया।
7. अमृतसर कांड का असर
1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार ने उन्हें झकझोर दिया। इसके बाद उन्होंने अंग्रेज़ों से आज़ादी पाने का संकल्प और दृढ़ कर लिया।
8. नमक सत्याग्रह
1930 में उन्होंने 240 मील लंबा “नमक मार्च” किया और अंग्रेज़ों के बनाए कानून तोड़े। यह आंदोलन पूरी दुनिया में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बना।
9. सादा जीवन
गांधीजी खादी पहनते थे, साधारण भोजन करते और आत्मसंयम में विश्वास रखते थे। उन्होंने उपवास को आत्मशुद्धि और विरोध का साधन बनाया।
10. महात्मा की उपाधि और निधन

उनके विचारों और कर्मों ने उन्हें “महात्मा” बना दिया। लेकिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी। उनकी मृत्यु पर पंडित नेहरू ने कहा – “आज रोशनी बुझ गई है।”
