Pregnancy diet plan

Pregnancy diet plan: प्रेग्नेंसी के दौरान 9 महीने क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए?

Pregnancy diet plan: “प्रेग्नेंसी एक खास समय होता है जब महिलाओं का ध्यान अपनी सेहत पर और ज्यादा जरूरी हो जाता है। इस समय सही खानपान से शरीर को संजीवनी मिलती है, जबकि गलत आहार से न केवल सेहत बिगड़ सकती है, बल्कि भ्रूण पर भी असर पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान सही आहार से न केवल माँ की सेहत बेहतर रहती है, बल्कि भ्रूण का विकास भी सही तरीके से होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी व गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। तो चलिए जानते हैं, प्रेग्नेंसी के दौरान प्रत्येक महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।”

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Pregnancy diet plan

पहला माह (1st Month)

क्या खाएं:

  1. पानी और तरल पदार्थ: पानी, नारियल पानी और ताजे फलों का जूस पिएं।
  2. फोलिक एसिड: पालक, मेथी, संतरे, और शकरकंद जैसे फोलिक एसिड से भरपूर आहार लें। यह भ्रूण के तंत्रिका तंतु के विकास में मदद करता है।
  3. प्रोटीन: दाल, चना, अंडे, मांस, और सोया उत्पाद खाएं।

क्या न खाएं:

  1. कैफीन: चाय, कॉफी और चॉकलेट में मौजूद कैफीन से बचें।
  2. कच्चा मांस और कच्चा अंडा: इनसे संक्रमण का खतरा होता है।

दूसरा माह (2nd Month)

क्या खाएं:

  1. आयरन युक्त आहार: पालक, चुकंदर, तिल, और दालें आयरन से भरपूर होती हैं, जो रक्त की कमी को दूर करती हैं।
  2. विटामिन C: संतरा, नींबू, आंवला और शिमला मिर्च जैसी चीजें खाएं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं।
  3. प्रोटीन: दाल, सोया, पनीर और चिकन खाएं।

क्या न खाएं:

  1. अल्कोहल और स्मोकिंग: यह गर्भवती महिला और बच्चे के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकते हैं।
  2. प्रोसेस्ड फूड्स: पैक्ड और रेडी-टू-ईट फूड्स से परहेज करें, क्योंकि इनमें रसायन होते हैं जो भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

तीसरा माह (3rd Month)

क्या खाएं:

  1. डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर, और छाछ का सेवन करें, जो कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं।
  2. फोलेट युक्त आहार: हरी पत्तेदार सब्जियां और मूंग की दाल फोलेट से भरपूर होती हैं, जो बच्चे के तंत्रिका तंतुओं के विकास में मदद करती हैं।
  3. प्रोटीन: अंडा, दाल, मांस और मछली खाएं।

क्या न खाएं:

  1. अत्यधिक तला-भुना और मसालेदार खाना: यह पाचन में परेशानी और अपच का कारण बन सकता है।
  2. कच्चा अंडा और मांस: कच्चे अंडे और मांस में बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो नुकसानदेह हो सकते हैं।

चौथा माह (4th Month)

क्या खाएं:

  1. विटामिन D: सूरज की रोशनी में रहें और विटामिन D से भरपूर आहार जैसे अंडे, दूध और मछली खाएं, जो हड्डियों के विकास में मदद करते हैं।
  2. ताजे फल और सब्जियां: लौकी, टमाटर, कद्दू, और अन्य ताजे फल व सब्जियां खाएं।
  3. प्रोटीन: पनीर, दाल, चिकन, मछली और अंडे खाएं।

क्या न खाएं:

  1. अत्यधिक मसालेदार और तला हुआ खाना: यह एसिडिटी और अपच पैदा कर सकता है।
  2. अल्कोहल: गर्भावस्था के दौरान शराब से बचना चाहिए, क्योंकि यह भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकता है।

पाँचवां माह (5th Month)

क्या खाएं:

  1. ओमेगा-3 फैटी एसिड: अखरोट, बादाम, फ्लेक्ससीड्स और मछली में ओमेगा-3 होता है, जो मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
  2. संतुलित आहार: ताजे फल, साबुत अनाज, और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
  3. प्रोटीन: चिकन, मछली, अंडा और पनीर खाकर प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं।

क्या न खाएं:

  1. फास्ट फूड: पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड्स में रसायन होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  2. कच्चा मांस और अंडा: इनसे संक्रमण हो सकता है, इसलिए इन्हें न खाएं।

छठा माह (6th Month)

क्या खाएं:

  1. फाइबर युक्त आहार: ओट्स, दालें, ताजे फल और सब्जियां खाएं ताकि कब्ज की समस्या से बचा जा सके।
  2. कैल्शियम: कैल्शियम से भरपूर आहार जैसे दूध, पनीर, दही, और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
  3. पानी और तरल पदार्थ: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।

क्या न खाएं:

  1. अत्यधिक मीठा खाना: मिठाइयों और शक्कर से बचें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है।
  2. कच्ची मछली और समुद्री भोजन: इनमें बैक्टीरिया और परजीवी हो सकते हैं, इसलिए इन्हें न खाएं।

सातवां माह (7th Month)

क्या खाएं:

  1. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: पालक, चुकंदर, दालें और ताजे फल आयरन से भरपूर होते हैं।
  2. विटामिन C: विटामिन C से भरपूर आहार जैसे संतरा, अमरूद, पपीता, और शिमला मिर्च खाएं।

क्या न खाएं:

  1. कच्चा मांस: कच्चे मांस और अंडे से संक्रमण का खतरा होता है।
  2. ज्यादा नमक: अत्यधिक नमक से रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

आठवां माह (8th Month)

क्या खाएं:

  1. प्रोटीन और कैल्शियम: प्रोटीन और कैल्शियम का सही संतुलन बनाए रखें, इसलिए पनीर, दूध, दाल, और मांसाहारी खाद्य पदार्थ खाएं।
  2. पानी और तरल पदार्थ: अधिक से अधिक पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।

क्या न खाएं:

  1. अत्यधिक तला-भुना खाना: यह पेट की समस्याएं और एसिडिटी बढ़ा सकता है।
  2. कच्चे फल और सब्जियां: कच्चे फल और सब्जियां अच्छे से धोकर खाएं, ताकि बैक्टीरिया से बच सकें।

नवां माह (9th Month)

क्या खाएं:

  1. पानी और तरल पदार्थ: अधिक से अधिक पानी पिएं और ताजे फलों का जूस पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
  2. विटामिन्स और प्रोटीन: हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।

क्या न खाएं:

  1. अत्यधिक मीठा: ज्यादा मीठा खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
  2. कच्चा मांस और असुरक्षित खाद्य पदार्थ: इनसे संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए इन्हें न खाएं।

निष्कर्ष:
प्रेग्नेंसी व गर्भावस्था के दौरान सही व संतुलन आहार से न केवल माँ की सेहत बेहतर रहती है, बल्कि बच्चा (भ्रूण) भी स्वस्थ रूप से विकसित होता है। संतुलित आहार, ताजे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन और कैल्शियम का सेवन करके आप अपनी और अपने बच्चे की सेहत का ध्यान रख सकते हैं। अपने डॉक्टर की सलाह से आहार में कोई बदलाव करें और गर्भावस्था के दौरान किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें।

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यह भी पढ़े: पीरियड्स क्या हैं और ये क्यों होते हैं ?

Note :-

सुझाव:- यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं या आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें.

Disclaimer: यह आर्टिकल व लेख या प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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By: KP

Edited by: KP

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