MSD : एक लम्बे बालों वाला लड़का जब क्रिकेट में टीम आया था…
MSD : जब लम्बे बालों वाला एक लड़का भारतीय क्रिकेट टीम में आता है, और आड़े तिरछे शाट्स खेलता है…..लोग उसे कहते हैं ये क्या खेलेगा ? ये लम्बे बालों वाला क्या कीपिंग करेगा ? लेकिन लोगों को क्या पता था कि ये भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा नाम करेगा कि उसके जैसा न कोई था, न कोई है…..!
मुझे वो मैच आज भी याद है जब धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन की पारी खेली थी…..बड़ी बात ये थी कि उस मैच में धोनी ने 10 छक्के जड़े थे, जो क्रिकेट न खेलने वाले और ना इस खेल को जानने वाले के जेहन में भी ये पारी याद रह जाने को काफी था…..!
2007 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश से हारकर बाहर हो जाना और इंग्लैंड से सीरीज हारने के बाद राहुल द्रविड ने कप्तानी छोड़ दी और कप्तानी दी गई उसी लम्बे बालों वाले लड़के को जो अब तक अपने बैटिंग के दाम पर अपना लोहा मनवाना शुरू कर चुका था, और अब शुरू हुआ था टी-20 विश्व कप, जिसको एक बेहद युवा टीम के साथ जीतकर इस लम्बे बालों वाले खिलाड़ी ने अपनी कप्तानी का बिगुल फूंक दिया और इस तरह शुरू हुआ भारतीय क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम युग…..लेकिन अब वो खिलाड़ी लम्बे बालों वाला नहीं रहा, अब उसने बाल कटवा लिये थे…..!
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दादा ने टीम को लड़ना सिखाया तो धोनी ने जीतना …..!
उस समय आस्ट्रेलिया एक ऐसी टीम थी जो अजेय थी, हम लोग तो ये इंतजार करते थे कि इंडिया आस्ट्रेलिया को कब हरायेगा, और 2008 की ट्राई सीरीज आस्ट्रेलिया में ही जीत कर सबको ये भी बता दिया कि ये नया भारत है, घर में घुसेगा भी और मारेगा भी…..!
2011 विश्व कप तो किसको ही भूलेगा, वो आख़िरी छक्का और वो लाइन,
Dhoni finishes off in style, magnificent strike into the crowd…..India lift the world cup after 28 years and party starts in the dressing room and it’s an Indian Captain who has absolutely been magnificent in the night of the final…..
धोनी के बारे में जितना लिखो उतना कम होगा हो सकता है..
हाथों से ग्लव्स को टाइट करते हुये पूरी फील्ड को देखना और फिर आँखों को अंगूठे से हल्का सा रगड़कर दोनों कंधों को एक बार उचकाने के बाद जब खेलने के लिये तैयार होता है तो पूरा देश इस खिलाड़ी की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा होता है…..और उसके बाद जब वो हेलीकाप्टर उड़ता है तो पूरा देश उछल पड़ता है…..!
धोनी ने तो देश को वो दे दिया जो शायद हम कभी सोच भी न पायें…..!
लेकिन धोनी होना भी इतना आसान कहाँ है ?
धोनी होने के लिये आपको लोगों की टूटती उम्मीदों को जोड़ना होता है, जमीन पर खड़े होकर हेलीकाप्टर उड़ाना होता है, टूटे अँगूंठे के साथ खेलना पड़ता है, बिना देखे गेंद को स्टंप्स में मारना पड़ता है, पलक झपकने से पहले गिल्लियाँ बिखेर देना होता है…..कोई कितना कुछ बोल ले लेकिन उस पर कोई प्रतिक्रिया न देना और मैदान में जवाब देना होता है धोनी होना…..धोनी होने के बाद भी सबसे मुश्किल काम ये है कि धोनी होकर भी धोनी बने रहना…..!
धोनी फैन के लिए क्रिकेट तभी पूरा होता है, जब तीन डण्डों के पीछे खड़ा धोनी आंखों से सुन और हाथों से बोल रहा हो…..जब सबके माथे पर पसीने की बूंदे हों उस वक्त में भी शान्त रह कर मैच को जीत कर ले आना होता है धोनी होना…..!
धोनी वह इकलौता सेनापति है जो अपने उत्तराधिकारी को अपने होते हुए ही कमान सौंपता है…..और वो उत्तराधिकारी आज भी बोलता है कि भले मैं टीम का कप्तान हूँ लेकिन माही भाई जब मैं टीम में आया तब भी आप मेरे कप्तान थे और जब तक आप हैं तब तक आप ही मेरे कप्तान हैं…..ये इसलिये संभव है क्योंकि वो धोनी है…..!
वो अब अपनी सारी जिम्मेदारियां निभा चुका है…..जिसके लिए उसने क्रिकेट खेलने शुरु किए था वो सब हसिल कर लिए और वो अपने आप को एक सफल साबित कर चुका है…..वो बचपन से लेकर आज तक जिम्मेदारियों से पीछे नहीं भागा…..जिदंगी में उसने बहुत उतार चढ़ाव देखे पर सभी समस्याओं का चुप चाप डट कर सामना किया…..आने वाली पीढ़ी को तैयार करके जिम्मेदारियां सौंप चुका है…..!,
जिसने देश को माता पिता माना, माँ की गोदी से ज्यादा वक्त क्रिकेट मैदान पर बिताया, देश के लिए खेलने का सपना कब जिम्मेदारी में बदल गया पता ही नहीं चला, युवा टीम को लेकर अपनी चतुराई से टी20 वर्ल्ड कप दिला दिया, टीम को टेस्ट में नंबर 1 का ताज पहनाया और एशिया कप में एशिया का स्टार बना दिया…..परन्तु अभी उसकी जिम्मेदारी पूरी नहीं हुई थी अभी एक सूखे को खत्म करना था जो सालो से चला आ रहा था, अभी क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को उनके सपने के साथ विदाई देनी थी, सबके सहयोग बेहतरीन टीम संयोजन और करोड़ों लोगों की दुआओ से उसने ये भी कर दिखाया और भारत को वर्ल्ड कप दिलाकर सबको उत्सव मनाने का मौका दिया…..!
2011 के बाद भारत को मिल रही लगातार हार पर विचार किया और टीम में सीनियर खिलाड़ियों के साथ विराट, रोहित,धवन जैसे नए खिलाड़ियों को मौका दिया उनको तरासा और तैयार किया और एक मजबूत बेंच स्ट्रेंथ दिया…..ताकि सीनियर खिलाड़ियों के जाने के बाद टीम का हाल श्रीलंका या अफ्रीका जैसा ना हो जैसा की आज उनका है…..उसकी इस दूरगामी सोच ने आज भारत को विश्व की सबसे मजबूत टीम बना दिया…..इस सोच के लिए उसकी आलोचना भी हुई पर देश लिए सोचने वाले आलोचना की नहीं सोचते…..!
उसने कप्तानी भी छोड़ दी है अब वो सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गया है, अब वो मैदान पर मजे करता है, आईपीएल जीतने के बाद ट्रॉफी टीम को देकर अपनी बेटी के साथ खेलता है, वक्त पाकर मैदान पर सो जाता है, दर्शकों के साथ दौड़ लगाता है, विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को खेल के तरीके सिखाता है, उसे अब किसी चीज की फिकर नहीं है, जब तक वो मैदान पर है वो हर एक पल जीना चाहता है, उसको करने दो जो कर रहा उसके बारे में सोचना बंद कर दो…..वो वह बाप है जो अपने परिवार को मजबूत और आने वाली पीढ़ी को अपने पैरो पर खड़ा कर चुका है…..!
तुम उसको कुछ बोलो वो तो बहरा है…..उसे अपने चाहने वालो से ही नहीं पूरे देश से लगाव है…..आलोचक वहीं मिट्टी में मिल जाते है जब वो ग्राउंड में पहला कदम रखता है और हजारों लोग खड़े होकर उसका स्वागत करते है…..!
जिसकी लोग पूजा करते है और जो करोड़ों का मार्गदर्शन बन चुका है, इस वक्त उसको देखो उसके व्यक्तित्व से सीखो, उसकी जीवन और क्रिकेट की पारियो का आनंद लो बस…..!
धोनी वो इंसान है जो ‘कप्तान धोनी’ के नाम से ही जाना जायेगा, वो भले ही कप्तानी छोड़ दे लेकिन खुद कप्तानी उसको छोड़ नहीं सकती…..वो इकलौता माही है…..!
क्रिकेट पहले भी खेला जाता था, क्रिकेट आगे भी खेला जायेगा…..लेकिन आँखों में जीत का भरोसा लिये एक इकलौता सा इंसान शायद अब क्रिकेट को अलविदा कह दे…..तुम उसको कितना भी बोल लो, लेकिन जिस दिन धोनी रिटायर होगा न, उस दिन पूरे देश के साथ वो बाइस गज की पट्टी और वो तीनों ड़डे भी रोयेंगे, जिसके पीछे वो 21 साल से खड़ा है…..
जब जब इस बाइस गज की पट्टी और विकेट के पीछे खड़े खिलाड़ियों की बात होगी, तब तब एक नाम सबसे पहले लिया जायेगा…..वो नाम है…..महेन्द्र सिंह ‘धोनी’…..
याद रखना एक हार से कोई फकीर नहीं बनता,
और एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं बनता…..सिकन्दर बनने के लिये पहले कड़ी मेहनत करनी पड़ती है…..!
“धोनी होने के बाद भी, धोनी बने रहना… सबसे मुश्किल काम है।“
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By: KP
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