Shardiya Navratri 2025 : क्या इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की है – जाने कैसे?
हर साल की तरह इस बार भी शरद ऋतु के आगमन के साथ शारदीय नवरात्रि की पावन शुरुआत हो चुकी है। बड़ी श्रद्धा के लोगो द्वारा मनाया जा रहा है।
ये नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित होते हैं, जहाँ भक्त उपवास रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और माँ शक्ति से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।

क्या इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की है?
हाँ, इस बार नवरात्रि 10 दिन की है — यानी पारंपरिक 9 दिनों के बजाय 2025 में नवरात्रि का पर्व विशेष कारणों से दस दिन चलेगा।
शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह महापर्व मां दुर्गा को समर्पित है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाएगा, क्योंकि इस बार कोई भी तिथि घट नहीं रही है। जिसकी वजह से नवरात्र 10 दिन की मनाई जाएगी। कहते हैं इस साल की शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) बहुत शुभ मानी जा रही है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –
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नवरात्रि — सामान्य परिचय
- “नवरात्रि” शब्द का अर्थ है “नौ रातें” — यानी यह त्योहार नौ रातों और दस दिनों का माना जाता है, जिसमें देवी दुर्गा की नौ स्वरूपों की पूजा होती है।
- पारंपरिक रूप से नवरात्रि नौ दिनों की ही होती है, और दसवें दिन विजयदशमी (दशहरा) मनाया जाता है।
- प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की पूजा, विधि, तिथि और मुहूर्त के अनुसार होती है।
इस साल 2025 में — क्यों 10 दिन?
2025 की शारदीय नवरात्रि इस बार असाधारण रूप से 10 दिनों का होगी।
वजह
- तिथि का विस्तार (दोहारी तिथि)
इस वर्ष, चतुर्थी (चतुर्थी तिथि) दो दिनों पर पाई गई है — यानी एक तिथि लगातार दो दिन बनी हुई है। इस कारण एक अतिरिक्त दिन जुड़ गया है।
इस तरह पारंपरिक क्रम टूट कर दस दिवसीय पर्व बन गया है। - पंचांग और मुहूर्त का संकेत
पंचांगानुसार इस त्रिकाल–तिथि वृद्धि को शुभ माना गया है।
भारत में अधिकांश कैलेंडर और पंडित्य शास्त्रों ने भी इसे स्वीकार किया है कि इस वर्ष नवरात्रि दस दिन चलेगी।
तिथियाँ (2025)
- नवरात्रि प्रारंभ: 22 सितंबर 2025 (प्रातापदा तिथि)
- नवरात्रि समापन & विजयदशमी: 2 अक्टूबर 2025
इस बीच, नौ पारंपरिक नवरात्रि दिवस + एक अतिरिक्त दिन शामिल होंगे।

10 दिनों में पूजा‑क्रियाएँ — दिन वार सार
नीचे इस बार के दस दिनों की पूजा और महत्व का विस्तृत विवरण दिया गया है:
| दिन क्रम | तिथि / विवरण | देवी रूप / पूजा / विशेष घटना |
| दिन 1 | 22 सितंबर | घटस्थापना (कलश स्थापना), माता शैलपूत्री की पूजा |
| दिन 2 | 23 सितंबर | माता ब्रह्मचारिणी की पूजा |
| दिन 3 | 24 सितंबर | माता चंद्रघंटा |
| दिन 4 | 25 सितंबर | माता कूष्मांडा (यह उसकी पूजा चतुर्थी तिथि पर दो दिनों तक) |
| दिन 5 | 26 सितंबर | माता कूष्मांडा (दूसरा दिन) |
| दिन 6 | 27 सितंबर | माता स्कंदमाता |
| दिन 7 | 28 सितंबर | माता कात्यायनी |
| दिन 8 | 29 सितंबर | माता कालरात्रि |
| दिन 9 | 30 सितंबर | माता महागौरी |
| दिन 10 | 1 अक्टूबर | माता सिद्धिदात्री, कन्यापूजन, हवन एवं समापन |
और 2 अक्टूबर को विजयदशमी (दशहरा) मनाया जाएगा।
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इस अनियमित 10-दिन की विशेषता और महत्व
- सामान्यतः नवरात्रि 9 दिन की होती है, लेकिन यदि किसी वर्ष में दो दिनों की एक ही तिथि हो, तो नवरात्रि 10 दिन बन जाती है।
- शास्त्रों में कहा गया है कि तिथि में वृद्धि (अधिक दिन) शुभ फलदायी होती है — अनुकूलता और शुभता बढ़ाती है।
- इस बार यह सौभाग्य माना जा रहा है कि मां दुर्गा की पूजा अधिक समय तक कर पाने का अवसर मिलेगा।
नवरात्रि पूजन मंत्र
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Note:
Disclaimer: यह जानकारी सोर्स और हिंदू कैलेंडर पंचांगा पर आधारित है, प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
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By: KP
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