History of raksha bandhan : रक्षाबंधन का इतिहास – एक पावन इतिहास और पौराणिक परंपरा की कहानी ..
रक्षाबंधन, जिसे हम प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के त्यौहार के रूप में जानते हैं, भारत की सबसे पवित्र और भावनात्मक परंपराओं में से एक है। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान, स्नेह और समर्पण के धागे में बांधता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन का इतिहास कितना प्राचीन और रोचक है?
रक्षाबंधन का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व:
पौराणिक इतिहास:
- द्रौपदी और श्रीकृष्ण – महाभारत में एक कथा आती है कि जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तो उनकी उंगली में चोट लग गई। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इस स्नेह के बदले श्रीकृष्ण ने वचन दिया कि वे द्रौपदी की हर संकट में रक्षा करेंगे। यही भावना रक्षाबंधन का आधार बनी।
- यम और यमुनाजी – एक अन्य कथा के अनुसार यमराज जब बहुत समय बाद यमुनाजी से मिलने आए, तो उन्होंने उन्हें राखी बांधी और अमरता का वरदान प्राप्त किया। तभी से यह परंपरा बन गई कि रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।
- इंद्राणी और इंद्र (वेदों में वर्णित कथा)
देवताओं और असुरों के युद्ध में जब इंद्र देव कमजोर पड़ने लगे, तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने एक पवित्र रक्षासूत्र तैयार किया और उसे इंद्र की कलाई पर बांधा। इससे इंद्र को शक्ति मिली और उन्होंने युद्ध में विजय प्राप्त की। यह भी रक्षाबंधन का प्रारंभिक रूप माना जाता है।
ऐतिहासिक घटनाएँ:
- रानी कर्णावती और हुमायूं
16वीं सदी में मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुग़ल बादशाह हुमायूं को एक राखी भेजी थी, जब उनके राज्य पर बहादुर शाह ने हमला किया। हुमायूं ने राखी का मान रखते हुए रानी की रक्षा के लिए अपनी सेना भेज दी। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि रक्षाबंधन केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक भी है। - अलेक्जेंडर की पत्नी और पुरू राजा
एक कथा के अनुसार, सिकंदर की पत्नी ने राजा पुरू (पोरस) को एक राखी भेजी थी और उससे अपने पति की जान की रक्षा की प्रार्थना की थी। राजा पुरू ने युद्ध के दौरान सिकंदर को नहीं मारा और राखी का मान रखा।
आधुनिक युग में रक्षाबंधन:
आज भी रक्षाबंधन का पर्व उसी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके जीवन की खुशहाली और सुरक्षा की कामना करती हैं, और भाई जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है। अब तो यह त्यौहार उन लोगों के बीच भी मनाया जाने लगा है जो खून के रिश्ते में नहीं हैं, लेकिन स्नेह और विश्वास की डोर उन्हें जोड़ती है। आधुनिक समय में यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द, समानता, और सांस्कृतिक एकता का संदेश भी देता है।
निष्कर्ष:
रक्षाबंधन का इतिहास केवल राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह त्याग, प्रेम, सुरक्षा और समर्पण की कई कहानियों से बना है। यह त्योहार हमें अपने संबंधों को मजबूत करने और समाज में आपसी विश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
आपको और आपके परिवार को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!
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