दिवाली (दीपावली) की संपूर्ण कथा और आरती..
दीपावली कथा (Diwali Katha in Hindi)
दीपावली या दीवाली, हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे पूरे भारत सहित विश्वभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पाँच दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है जिसमें अन्धकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की मुख्य कथा – श्रीराम की अयोध्या वापसी
दीपावली की सबसे प्रसिद्ध कथा “भगवान श्रीराम” से जुड़ी है:
त्रेतायुग में रावण के अत्याचार से त्रस्त होकर, देवताओं और ऋषियों ने भगवान विष्णु से रावण के विनाश के लिए प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने “श्रीराम” के रूप में अवतार लिया और राजा दशरथ के घर अयोध्या में जन्म लिया।
जब श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के वनवास पर गए, तब उन्होंने अनेक राक्षसों का वध किया और धर्म की स्थापना की। वनवास के अंतिम चरण में, रावण ने माता सीता का हरण कर लिया। श्रीराम ने वानरराज “हनुमान”, “सुग्रीव”, “जामवंत” आदि की सहायता से लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध किया।
रावण का वध कर और सीता माता को पुनः प्राप्त कर, श्रीराम अयोध्या लौटे। “कार्तिक मास की अमावस्या” की रात थी जब श्रीराम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया और पूरे नगर को दीपों से सजाया।
तभी से यह दिन ‘दीपावली’ के रूप में मनाया जाता है।
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दिवाली (दीपावली) की अन्य पौराणिक कथाएँ जो दीपावली से जुड़ी हैं
- लक्ष्मी माता का प्रकट होना
समुद्र मंथन के समय, “कार्तिक अमावस्या” के दिन “माँ लक्ष्मी” समुद्र से प्रकट हुईं। वह भगवान विष्णु की अर्धांगिनी बनीं। इस कारण दीपावली की रात को लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है।
- नरकासुर वध
द्वापर युग में, भगवान श्रीकृष्ण ने “नरकासुर” नामक राक्षस का वध कर 16,000 कन्याओं को मुक्त किया। यह घटना “नरक चतुर्दशी” या “छोटी दिवाली” के दिन हुई थी। इस दिन को बुराई के नाश और अच्छाई की विजय के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।
- राजा बलि और विष्णु वामन अवतार
त्रेतायुग में राक्षसराज “बलि” ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी और पूरे ब्रह्मांड को नाप लिया। वामन जी ने बलि को पाताल लोक भेजा लेकिन उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे “प्रत्येक वर्ष पृथ्वी पर आने का वरदान” दिया। इसी कारण “गोवर्धन पूजा” और “बाली प्रतिप्रदा” भी मनाई जाती है।
- शुभ मुहूर्त में व्यापार प्रारंभ
दीपावली की रात को व्यापारी नया खाता-बही (बहीखाता) शुरू करते हैं। इस दिन को “वर्ष का आरंभ” भी माना जाता है।
दीपावली के पाँच दिन
- धनतेरस – धन और आरोग्य की कामना का दिन। इस दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है।
- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) – नरकासुर के वध का पर्व।
- दीपावली – लक्ष्मी पूजन, श्रीराम की वापसी, अंधकार पर प्रकाश की जीत।
- गोवर्धन पूजा – भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में।
- भाई दूज – भाई-बहन के स्नेह का पर्व।

श्री लक्ष्मी माता की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
उमा, रमा, ब्रह्माणी,
तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,
नर-ऋषि मुनी गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
दुर्गा रूप निरंजनी,
सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
ऋद्धि-सिद्धि पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
तुम पाताल निवासिनी,
तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशिनी,
भव-निधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
जिस घर में तुम रहती,
सब शुभ गुण आता।
सब संभव हो जाता,
मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
धूप, दीप और नैवेद्य,
सेवा करे विधाता।
आरती करें प्रेम से,
मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…
आरती करने के बाद “शुभ-लाभ” और “कुबेर देवता” की भी पूजा की जाती है, जिससे घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहे।

श्री गणेश आरती
“ॐ जय गणेश देवा”
ॐ जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
ॐ जय गणेश देवा…
एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
ॐ जय गणेश देवा…
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
ॐ जय गणेश देवा…
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
ॐ जय गणेश देवा…
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजिए सेवा,
मात-पिता सहित आयो, वर दीजिए मेवा॥
ॐ जय गणेश देवा…
दीनन की लाज रखो, शंभु सुत वारे,
कामना को पूर्ण करो, जगबालक न्यारे॥
ॐ जय गणेश देवा…
गणेश जी की आरती के बाद “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” का जयघोष करना शुभ माना जाता है।
दीपावली का संदेश
- अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर कर, ज्ञान और सत्य के प्रकाश को अपनाना।
- अपने जीवन से नकारात्मकता को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करना।
- बुराई को हराकर अच्छाई की ओर बढ़ना।
- समाज और परिवार में प्रेम, भाईचारे और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना।
आप सभी देशवासियों को “एवीएन परिवार” की ओर से दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
Note:
Disclaimer: यह आर्टिकल, व लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। यह जानकारी सोर्स पर आधारित है, प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
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