दशहरा

Celebrate Dussehra Festival : दशहरा भारत वासियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सत्य, साहस और धर्म की जीत की एक मिसाल है। यह पर्व प्रभु श्री भगवान राम द्वारा रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर जीत दोनों की याद दिलाता है। नवरात्रि के दस दिनों की पूजा के बाद मनाया जाने वाला यह उत्सव हमें सिखाता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई ही जीत होती है। पूरे देश में यह पर्व रावण दहन, रामलीला और दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ बड़े उत्साह से मनाया जाता है। आइए जानते हैं दशहरे के 30 रोचक तथ्य।

दशहरा महोत्सव 

शब्द का अर्थ – दशहरा संस्कृत के दश और हारा से बना है, जिसका अर्थ है दस का नाश।

यह पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है।

इसे विजयादशमी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है विजय का दिन।

देवी दुर्गा ने इसी दिन असुर राजा महिषासुर का वध किया था।

मैसूर में दशहरे पर देवी चामुंडेश्वरी की विशेष पूजा की जाती है।

तमिलनाडु में इसे गोलू कहा जाता है, जहाँ मूर्तियों से पौराणिक दृश्य सजाए जाते हैं।

उत्तर भारत में इस दिन जौ के अंकुर बोने और उन्हें सौभाग्य का प्रतीक मानने की परंपरा है।

नवरात्रि के बाद देवी दुर्गा अपने पति भगवान शिव के पास लौटती हैं, इसलिए स्त्रियों को घर बुलाने की परंपरा है।

मैसूर का पहला भव्य दशहरा उत्सव 17वीं शताब्दी में राजा वोडेयार ने शुरू किया था।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में दशहरा पूरे सप्ताह चलता है और देशभर से लोग इसमें भाग लेते हैं।

नेपाल, बांग्लादेश और मलेशिया जैसे देशों में भी दशहरा उत्साह से मनाया जाता है।

यह पर्व खरीफ फसल की कटाई और रबी फसल की बुवाई का प्रतीक माना जाता है।

दशहरा गर्मी के अंत और ठंड की शुरुआत का संकेत देता है।

नवरात्रि के दस दिनों में देशभर में रामलीला का मंचन होता है और अंतिम दिन रावण दहन किया जाता है।

रावण के दस सिर काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, ईर्ष्या, अन्याय, स्वार्थ और अमानवता जैसी बुराइयों का प्रतीक हैं।

दिल्ली का रामलीला मैदान सबसे भव्य आयोजन के लिए प्रसिद्ध है।

सम्राट अशोक ने इसी दिन बौद्ध धर्म अपनाया था।

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी दशहरे के दिन बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

भारत में कुछ स्थानों पर रावण को शिवभक्त मानकर पूजा की जाती है।

रावण वेदों और ज्योतिष का गहरा ज्ञाता था।

वह आधा ब्राह्मण और आधा राक्षस था; उसके पिता ऋषि विश्रवा और माता राक्षसी कैकसी थीं।

मृत्यु से पहले राम ने लक्ष्मण को रावण से राजनीति और राज्य संचालन का ज्ञान लेने को कहा।

ब्रह्मा से वरदान पाकर रावण की मृत्यु का रहस्य उसकी नाभि में छिपा था।

देवी दुर्गा ने ही राम को रावण वध का उपाय बताया था।

रावण के साथ कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले भी जलाए जाते हैं।

पुतला दहन बुराइयों को समाप्त करने का प्रतीक है।

विजयादशमी पर लोग शस्त्र पूजन और नए कार्य की शुरुआत को शुभ मानते हैं।

इस दिन कई जगहों पर घरों और मंदिरों को दीपों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है।

यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और कृषि दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

दशहरा

दशहरा हमें संदेश देता है कि कठिनाइयों में भी सत्य, साहस और धर्म की विजय निश्चित है।

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