Shiv Jyotirling : भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग विशेष महत्व रखते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, ये वो स्थान हैं जहाँ भगवान शिव स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए और अपनी ज्योति विद्यमान की। इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु शिवालयों और मंदिरों में जाते हैं।
यहां हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और उनके स्थान के बारे में जानकारी दे रहे हैं:
Shiv 12 Jyotirling
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग – यह गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है और इसका विशेष ऐतिहासिक महत्व है।
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है और इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है और इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग – इसे बैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है और यह झारखंड के देवघर में स्थित है।
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्री पहाड़ियों में स्थित है।
- रामेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है।
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह गुजरात के द्वारका के निकट स्थित है।
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग – यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है और इसे मोक्ष नगरी कहा जाता है।
Shiv 12 Jyotirling
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है और गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग – यह उत्तराखंड के केदारनाथ में हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है।
- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग – यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एलोरा के पास स्थित है।
इन 12 Jyotirling की पूजा और दर्शन करने से भक्तों को विशेष पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर ज्योतिर्लिंग का अपना एक विशेष इतिहास और धार्मिक महत्व है, जो शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।