AVN News Desk: कर्नाटक के हसन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित अश्लील वीडियो लीक का मामला अब तूल पकड़ता ही जा रहा है. वही राज्य सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है. वही वायरल वीडियो को लेकर प्रज्वल रेवन्ना अभी तक न तो सामने आए हैं और न ही उनकी ओर से कोई भी बयान सामने आया है.

और हसन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो सामने आने के बाद से सवाल ये है कि अब आगे क्या होगा? कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया है. इस बीच प्रज्वल रेवन्ना और एचडी रेवन्ना के खिलाफ भी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. वही जिस महिला ने शिकायत की है वह पहले एचडी रेवन्ना के घर पर काम करती थी, जब प्रज्वल रेवन्ना और एचडी रेवन्ना ने उसके चेहरे को छुआ और अभद्र व्यवहार किया, तो उसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. फिर पुलिस ने आईपीसी की धारा 354A, 354D, 506, 509 के तहत मामला को दर्ज किया है. वही इस मामले को अब एसआईटी को भी ट्रांसफर कर दिया गया है और जांच भी शुरू हो गई है.

कर्नाटक

कानून के तहत क्या अवसर हैं?

वही प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सभी वीडियो को पेन ड्राइव में रखा गया और चुनाव से पहले हसन में वितरित किया गया है. वही इन पेन ड्राइव में प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो के अलावा महिलाओं के भी अश्लील सीन हैं. वही महिला आयोग ने भी इस सीन के आधार पर सरकार को कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी है, लेकिन वीडियो में मौजूद महिलाओं ने अब तक कोई भी शिकायत नहीं की है. और अब जिस महिला ने शिकायत की है उसका इस पेन ड्राइव के सीन से कोई लेना-देना नहीं है.

वही साथ ही इस मामले में दर्ज सभी धाराएं जमानती धाराएं हैं. इसलिए पुलिस एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है और जांच भी कर सकती है. चूंकि यह एक जमानती अपराध है, इसलिए जांच के दौरान गिरफ्तार होने पर भी जल्दी ही जमानत मिलने की संभावना अधिक होती है.

अगर ऐसा हुआ तो प्रज्वल रेवन्ना के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी

यदि इन सभी फुटेज के आधार पर कोई भी महिला शिकायत करती है कि उनका यौन उत्पीड़न किया गया है तो प्रज्वल रेवन्ना मुश्किल में पड़ जाएंगे. फिर इसमें गिरफ्तारी की संभावना भी बढ़ जाएगी. वही इस दौरान महिलाओं के अश्लील वीडियो को दिखाना और उसे शेयर करना भी कानूनन अपराध है. क्योंकि शेयर हो रहे वीडियो में महिलाओं के चेहरे को धुंधला नहीं रखा जा रहा है जो कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है और इस अपराध को अंजाम देने वालों की गिरफ्तारी की पूरी संभावना होगी.

इसलिए इसकी भी जांच एसआईटी पुलिस ही करेगी. जांच शुरू करने से पहले पुलिस को फुटेज के स्रोत और उसकी प्रामाणिकता के बारे में फोरेंसिक विशेषज्ञों से रिपोर्ट लेनी होगी. और बाद में पीड़िता के बयान लेने का भी मौका मिलता है. चूंकि प्रज्वल रेवन्ना विदेश चले गए हैं, इसलिए पुलिस को उनसे पूछताछ करने में भले ही देर हो गई है, लेकिन वह पूछताछ से बिलकुल भी बच नहीं सकते हैं.

दोषी पाए जाने पर क्या सजा होगी?

वही धारा 354ए यौन इच्छा के लिए शरीर को छूना अपराध बनाती है, दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कठोर कैद और जुर्माने का प्रावधान भी है.
वही धारा 354डी किसी भी महिला का या उसकी सहमति के बिना उससे मिलने के इरादे से पीछा करना अपराध बनाती है और दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है.

वही धारा 506 में जान को खतरा है, दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है.
धारा 509 किसी महिला के सम्मान का अपमान करने के इरादे से उसकी निजता का उल्लंघन करना एक अपराध बनाती है और दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है.

अगर प्रज्वल कर्नाटक के हसन से लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं तो क्या होगा?

वही पुलिस को प्रज्वल रेवन्ना को विदेश से लाने के लिए सरकार का समर्थन और अनुमति भी चाहिए. और भले ही प्रज्वल रेवन्ना को जेडीएस पार्टी से निलंबित या निष्कासित कर दिया जाए, लेकिन इससे हसन के लोकसभा चुनाव के नतीजे पर कोई भी खास असर नहीं पड़ेगा. वही अगर प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो पार्टी से निकाले जाने पर भी वह लोकसभा सदस्य बने रहेंगे. अगर प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा चुनाव हार गए तो उनका राजनीतिक भविष्य भी धूमिल हो जाएगा. फिलहाल, प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एफआईआर ( FIR ) दर्ज कर ली गई है और अगर घटनास्थल पर कोई भी महिला यौन उत्पीड़न या बलात्कार की शिकायत करती है, तो फिर प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है.

वही बताया जा रहा है कि एचडी रेवन्ना ने वर्तमान में दायर मामले को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट जाने के लिए वकील से पहले ही चर्चा कर ली है. और बताया जा रहा है कि रेप का मामला दर्ज होने पर वे अग्रिम जमानत के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. और ऐसे में एसआईटी (SIT) की जांच और पीड़ितों के बयान, फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी का भविष्य भी तय करेगी.

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