AVN News Desk New Delhi: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर आमने-सामने आए चाचा भतीजा यानी कि शरद पवार और अजित पवार की अनबन अब भी जारी है। अपने चाचा शरद पवार पर बड़ा हमला बोलते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा है कि अगर वह वरिष्ठ नेता के बेटे होते तो आसानी से पार्टी अध्यक्ष बन जाते। पिछले साल ही शरद पवार से बगावत करके शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार ने इस आरोप से भी इनकार किया कि वह भ्रष्टाचार के मामलों की वजह से ही उन्हें पाला बदलना पड़ा।
एनसीपी पार्टी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अजित पवार ने कहा है कि उन पर शरद पवार की ओर से बनाई गई पार्टी को चोरी करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन भारत के चुनाव आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। इससे यह बात तो साबित हो गई है कि अजित गुट ही असली एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) है।
पूरा परिवार मेरे खिलाफ: अजित पवार
उन्होंने उनका नाम लिए बिना कहा है कि अगर मैं वरिष्ठ नेता के घर पैदा हुआ होता, तो मैं स्वाभाविक रूप से ही पार्टी अध्यक्ष बन जाता, बल्कि पार्टी मेरे नियंत्रण में भी आ जाती, लेकिन मैं भी आपके भाई के घर ही पैदा हुआ हूं। अजित पवार ने आगे कहा है कि पूरा परिवार मेरे खिलाफ है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता उनके साथ हैं।
‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता ने कहा हमें बदनाम किया गया है’
उन्होंने कहा है कि हमें बदनाम किया गया है। ऐसा कहा गया कि कि हमने बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला सिर्फ अपने खिलाफ जांच को रोकने के लिए लिया है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या हर कोई, जो उनके साथ है, वो लोग भी जांच का सामना कर रहा है?”
‘जो काम करेंगे, उन पर आरोप ही लगेंगे ‘
उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने आगे कहा है कि कुछ लोग कभी भी मंत्री नहीं बने और इसलिए उन पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप भी नहीं लगे। चूंकि आप कभी भी मंत्री बने ही नहीं , तो आपके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप कैसे लगेंगे? मेरे पास राज्य की पूरी जिम्मेदारी थी। जो काम करेंगे, उन पर आरोप लगेंगे ही। जो काम नहीं करेंगे, उनका साफ रहना तय है। विशेष रूप से शरद पवार की बेटी बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अपने करियर में अब तक कोई भी मंत्री पद नहीं संभाला है।
शरद पवार पर साधा निशाना
अजित पवार ने आगे कहा है कि अगर उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए शरद पवार की पसंद का समर्थन किया होता तो उन्हें सराहना मिलती, लेकिन जब मैं पार्टी का प्रमुख बना तो हमें बेकार करार दिया गया है। वह बारामती से ऐसे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारेंगे, जिसने पहले कभी चुनाव न लड़ा हो, लेकिन उस व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव वाले समर्थक ही होंगे।
